रांची: कोरोना से जंग अभी जारी है। यह महामारी अब तक खत्म नहीं हुई है और न ही अब तक इसकी कोई वैक्सीन ही तैयार हुई है। बीते आठ महीने से इस बीमारी ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है। लॉकडाउन से लेकर रोजगार छूटने और पलायन तक सभी तस्वीरें इस एक बीमारी ने दिखा दी है। फिर भी लोगों में इस बीमारी से बचने और सतर्क रहने की जिज्ञासा नजर नहीं आ रही। राजधानी रांची में अब मार्केट पूरी तरह से ओपन हो चुका है। सिर्फ शिक्षण संस्थान छोड़ अन्य सभी सेक्टर खोल दिए गए हैं। यहां तक कि छोटे शिक्षण संस्थान जैसे कोचिंग सेंटर में बच्चों को बुला कर पढ़ाई भी कराई जा रही है। बीमारी से बचने की जगह लोग खुद बीमारी को पास बुला रहे हैं। सरकार और प्रशासन की ओर से भले कोशिशें जारी हैं लेकिन जबतक लोग अलर्ट नहीं होंगे तबतक सारी कोशिशें बेमानी हैं। सिटी में लोग धीरे-धीरे लापरवाह होने लगे हैं। बाजारों, मॉल, रेस्टोंरेंट व अन्य पब्लिक प्लेस में भीड़ इकट्ठा होने लगी है। उसमें भी 70 परसेंट लोग बिना मास्क के ही होते हैं।

कार्रवाई व फाइन का भी नहीं असर

कोरोना महामारी से बचने के लिए प्रशासन ने कई कडे़ कदम उठाए हैं। सड़कों पर लोगों की मास्क की जांच की जा रही है। दो दिन में ही तीन लाख से अधिक का फाइन राजधानी के लोगों पर किया जा चुका है। इसमें हेलमेट न पहनने वाले और मास्क नहीं लगाने वाले लोग शामिल हैं। इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। सड़कों, बाजारों में लोग अब भी बिना मास्क के नजर आ रहे हैं। पुलिस या मीडिया को देखते ही ये लोग मास्क ढूंढने लगते हैं। अपनी सेहत की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ फाइन से बचने के लिए मास्क रखा जा रहा है। बाजारों में भीड़ देख ऐसा लगता है जैसे लोगों के मन से इस बीमारी का डर ही निकल गया हो। कुछ लोग तो अब यह भी कहने लगे हैं कि कोरोना-वोरोना कुछ नहीं, सिर्फ मन का भ्रम है। लेकिन जिस परिवार में यह बीमारी हुई है, इसका दर्द वही समझ सकता है।

ठंड में आक्रामक हो सकती है महामारी

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, ठंड के मौसम में यह महामारी फिर एक बार आक्रामक हो सकती है। जिसे देखते हुए तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं। कुछ राज्यों में यह देखा भी जा रहा है। एकाएक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसे में रांची वासियों को भी संभल कर रहने की जरूरत है। बीते पांच दिनों में कोरोना के लगभग 400 नए केसेज सामने आए हैं। यानी हर दिन औसत 80 पॉजिटिव केस निकल रहे हैं। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से बता रहा है कि खतरा टला नहीं है। इसलिए सावधान रहना जरूरी है।

शादी में संभल कर करें एन्जॉय

शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। कोरोना काल में कई जोड़ो का विवाह नहीं हो सका था। सभी नवंबर-दिसंबर महीने के लग्न का इंतजार कर रहे थे। लग्न शुरू होते ही शादियों की लाइन लग चुकी है। राज्य सरकार ने शादी में 200 गेस्ट्स को ही शामिल करने का आदेश दे रखा है। लेकिन इससे कहीं ज्यादा मेहमान शादी में पहुंच रहे हैं। शादी के उत्साह में लोग मास्क का इस्तेमाल करना भी भूल जा रहे हैं। शादी में बारात से लेकर दूल्हे-दुल्हन के मंडप और खाने के शामियाने तक कहीं भी न तो सोशल डिस्टेंसिंग नजर आ रहा है और न ही लोगों के चेहरे पर मास्क। इससे खतरा बढ़ सकता है। यदि आप शादी अटेंड करने जा रहे हैं तो थोड़ा संभल कर जाएं। थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी मुसीबत में डाल सकती है। मास्क जरूर लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी जरूर करें।

Posted By: Inextlive