रांची: भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्म उत्सव पर होने वाला यह गीत बुधवार को मंदिरों में एक बार फिर गूंजने वाला है। भगवान राम के जन्म का शुभ मुहूर्त 21 अप्रैल सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।

मंदिर में पुजारी करेंगे पूजा

पंडित राकेश उपाध्याय के अनुसार पूजन अवधि करीब दो घंटे 36 मिनट की रहेगी। उन्होंने बताया कि चैत रामनवमी का समापन राम जन्म उत्सव के साथ होगा। राजधानी रांची में मंदिरों से लेकर घरों तक में मंगलवार को इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई। मंगलवार को लोगों ने रामनवमी का व्रत रखा। भगवान राम के जन्म का प्रसाद लेकर लोग अपना व्रत तोड़ेंगे। कोरोना महामारी के कारण इस बार रामनवमी का जुलूस नहीं निकल रहा। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी। हालांकि कई मंदिरों में बाहरी लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। मंदिरों से लेकर अखाड़े तक के ध्वज बदले जाएंगे। युवा रांची महानगर रामनवमी पूजा समिति ने शहीद चौक से होते हुए सर्जना चौक तक छह-छह फीट की दूरी पर बांस के डंडे में बजरंग बली का झंडा लगाया जाएगा।

मंदिरों की विशेष साज-सज्जा

शारीरिक दूरी के बीच शहर के प्रमुख मंदिरों में रामलला के आगमन की तैयारी की जा रही है। मंगलवार को श्रीमहावीर मंडल की ओर से रातू रोड बजरंगबली मंदिर, मेनरोड हनुमान मंदिर, अपर बाजार बजरंगबली मंदिर के अलावा पंडरा, हिनू आदि मंदिरों की साज-सज्जा की गई। श्रीमहावीर मंडल के अध्यक्ष जयसिंह यादव ने कहा कि रामनवमी सादगी से मनेगी। कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। अखाड़ाधारी अपने अखाड़ों में ही पूजा-अर्चना करेंगे। प्रत्येक अखाड़ा से पांच व्यक्ति ही ध्वज पूजन के लिए मंदिर जाएंगे। जयसिंह यादव ने कहा कि जिले के लगभग 1800 अखाड़े सहित सौ से ज्यादा मंदिरों में श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बुधवार को दोपहर दो बजे जयसिंह यादव महावीर मंडल के पांच पदाधिकारियों के साथ निवारणपुर स्थित तपोवन मंदिर में ध्वज का पूजन करेंगे। प्रसाद, भोग आदि भी नहीं बंटेगा।

हनुमान चालीसा का पाठ

श्री महावीर मंडल डोरंडा केंद्रीय समिति के तत्वावधान में मंगलवार को सभी अखाड़ा एवं मंदिरों में पूजा अर्चना की गई। समिति के अध्यक्ष संजय पोद्दार मंत्री पप्पू वर्मा ने बताया कि महाअष्टमी को लेकर सभी अखाड़ों में पूजा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ढोल ताशे बजाए गए। मंडल पदाधिकारियों ने बुधवार को अपने-अपने घरों, अखाड़े और मंदिरों में ही झंडा का पूजन करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपील की।

मंदिर बंद नहीं, लेकिन भीड़-भाड़ की इजाजत नहीं

यह दूसरा अवसर है जब रामनवमी सादगी से मनाई जाएगी। न शोभायात्रा निकलेगी और न ही जुलूस। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए एसएसपी सुरेंद्र झा ने जिलावासियों से रामनवमी उत्सव सादगी से मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मंदिर बंद नहीं होंगे। पूजा-अर्चना होगी लेकिन भीड़ भाड़ की इजाजत नहीं होगी। अगर भीड़ होती है तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। रामनवमी के दिन जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों के बारह पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। रामनवमी शांतिपूर्वक संपन्न हो इसको लेकर क्षेत्र के डीएसपी और थानेदार को विशेष हिदायत दी गई है। एसएसपी खुद सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी करेंगे। ---

Posted By: Inextlive