RANCHI: सदर हॉस्पिटल को सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल का नाम दिया गया है। एक के बाद एक नई सुविधाएं शुरू की जा रही हैं, जिससे की मरीजों को हॉस्पिटल में इलाज के दौरान कहीं और जाने की जरूरत ही न पड़े। लेकिन हॉस्पिटल पहुंचना ही किसी जंग से कम नहीं है। चूंकि मेन गेट से हॉस्पिटल तक रोड की हालत काफी जर्जर है। इतना ही नहीं, अगर किसी महिला को डिलीवरी के लिए लाया जाए तो आपरेशन थिएटर पहुंचने से पहले ही उसकी डिलीवरी हो जाएगी। बताते चलें कि अगस्त 2017 में हॉस्पिटल को मरीजों के लिए खोला गया था।

मंत्री का आदेश भी ठंडे बस्ते में

एंट्रेंस गेट से लेकर इमरजेंसी तक पहुंचने में मरीजों की हालत खराब हो जाती है। चूंकि रास्ते में बड़े-बड़े गढ्डे हैं। इसे लेकर कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्री ने भी निर्देश दिया था कि रास्ते को दुरुस्त किया जाए। वहीं बिल्डिंग का काम करने वाली एजेंसी को रोड बनाने को कहा गया था पर समय बीतने के साथ ही यह आदेश भी ठंडे बस्ते में चला गया।

चार साल में 100 मीटर सड़क नहीं

सदर हॉस्पिटल की नींव 2007 में रखी गई थी। उसके बाद से दस साल हॉस्पिटल को शुरू करने में लग गए। 2017 में जब इसकी शुरुआत हुई तो लोगों को काफी उम्मीदें थीं। हॉस्पिटल में फैसिलिटी भी शुरू हुई। लेकिन 100 मीटर रोड बनाने के लिए भी चार साल कम पड़ गए। चार साल बीतने के बाद रोड बनाने को लेकर एक इंच भी काम नहीं हुआ।

गढ्डों के कारण मरीजों को झटके

सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक में ही मैटरनिटी, चाइल्ड वार्ड के अलावा सभी डिपार्टमेंट्स को चालू कर दिया गया है, जहां ओपीडी में हर दिन सैकड़ों मरीज इलाज को पहुंचते हैं। मरीजों में कुछ की हालत काफी खराब होती है, जिन्हें गाडि़यों और एंबुलेंस की मदद से सदर में लाया जाता है। लेकिन कैंपस में घुसते ही उन्हें झटके फील होते हैं। इस वजह से उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।

400 करोड़ खर्च हो चुके हैं अबतक

हॉस्पिटल के निर्माण के समय इसका बजट 147 करोड़ रुपए था। इसके बाद काम में देरी होती गई। बजट बढ़ता गया। आज 400 करोड़ रुपए हॉस्पिटल में खर्च किए जा चुके हैं। फिर भी एक रोड बनाने के लिए पैसे खर्च नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने पैसे कहां खर्च किए गए।

Posted By: Inextlive