फस्र्ट फेज में 30 ट्रैफिक बूथों को बनाया जाएगा स्मार्ट. पुलिस विभाग ने प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेजा. बूथ में सोलर पैनल से लेकर बूट पॉलिश तक की रहेगी व्यवस्था. बिजली पंखा टॉयलेट मोबाइल चार्जिंंग प्वाइंट समेत अन्य फैसिलिटीज मिलेंगी.


रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची के 30 ट्रैफिक बूथ को स्मार्ट बनाया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव पुलिस विभाग मुख्यालय को भेज दिया गया है। बेंगलुरु की तर्ज पर स्मार्ट ट्रैफिक बूथ बनाए जाने का प्रस्ताव लाया गया है। जल्द ही इस दिशा में काम शुरू होगा। इन स्मार्ट बूथों में तैनात ट्रैफिक कर्मियों की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाएगा। पुलिस कर्मियों की मूल आवश्यकताओं को देखते हुए स्मार्ट ट्रैफिक बूथ प्रस्ताव तैयार किया गया है, जहां बिजली के लिए सोलर पैनल की व्यवस्था तो वहीं पुलिस कर्मियों के जूते चमकाने के लिए भी बूट पॉलिश मशीन लगाई जाएगी। इसके अलावा लाइट, पंखा, टॉयलेट, मोबाइल चार्जिंग प्लाइंट समेत अन्य सुविधाएं भी ट्रैफिक बूथ में मौजूद रहेगी। सिटी में 102 ट्रैफिक बूथ
राजधानी रांची में 102 टै्रफिक बूथ हैं। इनमें फिलहाल 30 ट्रैफिक बूथों को स्मार्ट बनाने पर सहमति बनी है। इन बूथों के सफलता पूर्वक ऑपरेट होने के बाद अन्य ट्रैफिक बूथों पर भी काम शुरू कर दिया जाएगा। सिटी में बने ज्यादातर ट्रैफिक बूथ अस्थायी हैं। सभी जगह पुलिस कर्मियों की तैनाती रहती है। ट्रैफिक बूथों पर आम लोगों को अवेयर करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया जाएगा, जहां स्पीकर और माइक की मदद से आम पब्लिक को ट्रैफिक रूल के प्रति अवेयर किया जाएगा। इसके अलावा ट्रैफिक रेगुलेट करने, जाम की सूचना देने या दूसरी कोई जानकारी देने के लिए इस सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। दयनीय है ट्रैफिक बूथों की स्थिति राजधानी रांची के करीब सभी ट्रैफिक बूथों का खस्ता हाल है। पहले भी कई बार ट्रैफिक बूथों को दुरुस्त करने की योजना बनी लेकिन हर बार यह फाइलों तक ही सिमट कर रह गई। ट्रैफिक पुलिस खुद से जैसे-तैसे बूथ बनाकर खुद का बचाव करती है। पुलिस जवान प्लास्टिक के बोरे और राजनीतिक दलों के पोस्टर बैनर से ट्रैफिक बूथ बनाकर यातायात कंट्रोल करते हैं। कई स्थानों पर पुलिस कर्मियों के बैठने की भी जगह नहीं है। ट्रैफिक बूथ छोड़ इधर-उधर चाय की दुकान पर बैठकर पुलिस कर्मी आराम करते हैं। कुछ स्थानों पर बूथ ही नहीं है, लेकिन यहां पुलिस कर्मियों तैनाती रहती है। जैसे डंगराटोली चौक, किशोरगंज चौक, गाड़ीखाना, गौशाला के समीप समेत दूसरे स्थानों पर भी ट्रैफिक बूथ नहीं है। लेकिन पुलिस कर्मी यहां ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। पुलिस कर्मियों का कहना है कि जाड़ा, गर्मी, बरसात हर मौसम में जैसे-तैसे ड्यूटी करते हैं। पूर्व ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुुंग ने भी ट्रैफिक बूथ दुरुस्त करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उनके कार्यकाल में भी यह नहीं हो सका।


बरसात में मुश्किल ज्यादाराजधानी के ट्रैफिक बूथ इतने ज्यादा दयनीय हालत में हैं कि बरसात के मौसम में पुलिस कर्मियों को खुद को सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाता है। बूथ के अंदर बारिश का पानी टपकता है। पुलिस कर्मियों ने बताया कि हर साल बारिश से पहले बूथ के ऊपर प्लास्टिक, तिरपाल लगाकर बचने लायक बनाते हैं, लेकिन एक बारिश में ही सब खराब हो जाता है। दूसरे दिन फिर से मरम्मत करनी पड़ती है। गाड़ीखाना चौक पर तैनात पुलिस कर्मी ने बताया कि ट्रैफिक बूथ को दुरुस्त करने की योजना पहले भी बनी। इस बार फिर से सुनने में आया है कि बूथ को स्मार्ट किया जाएगा। पहले इसे दुरुस्त कर बैठने लायक तो बना दिया जाए, यही काफी है। ट्रैफिक बूथ में टॉयलेट भी नहीं है। जहां महिला पुलिस कर्मी हैं, उनके लिए परेशानी और बढ़ जाती है। दुर्गा मंदिर रातू रोड के पास स्थित ट्रैफिक बूथ पर पुलिस कर्मियों के बैठने की भी जगह नहीं है, चाय की दुकान पर पुलिस कर्मी बैठते हैं। यहां एक महिला पुलिस कर्मी की भी तैनाती है। ये बूथ बनाए जाएंगे स्मार्ट

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Posted By: Inextlive