सिटी में आए दिन रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं. ज्यादातर मामलों में लोगों की जान भी चली जा रही है. रोड एक्सीडेंट में सिर में चोट लगने के कारण जान बचने की संभावना काफी कम होती है. सिर में चोट न लगे और एक्सीडेंट के वक्त सिर की सुरक्षा हो सके इसके लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है. लेकिन हेलमेट होने के बाद भी यदि सिर में गंभीर चोट लगे तो हेलमेट की विश्वसनीयता पर सवाल बनता है. कुछ ऐसे ही सवाल हाल के दिनों में रोड एक्सीडेंट के बाद उठने लगे हैं. जिसमें हेलमेट होने के बावजूद सिर में गंभीर चोट लगने से बाइक सवार को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इसके पीछे की वजह घटिया हेलमेट है. जी हां राजधानी रांची के रोड साइड में दर्जनों हेलमेट की दुकानें सज रही हैं जहां हेलमेट की क्वालिटी तो दूर आईएसआई मार्क का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. ऐसे हेलमेट विक्रेताओं पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई हैै.


रांची (ब्यूरो)। रांची में रोड साइड हेलमेट की दुकान सजाने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग अधिकारी को रोड साइड हेलमेट बेचने वालों की दुकान पर जाकर हेलमेट की गुणवत्ता जांच करने की जिम्मेवारी दी गई है। सिटी के अलग-अलग स्थानों पर सजने वाली दुकानों पर जाकर पदाधिकारी हेलमेट और इसकी क्वालिटी की जांच करेंगे। गौरतलब हो कि रातू रोड, पिस्का मोड़, हरमू रोड, बरियातू, धुर्वा समेत अन्य कई इलाकों में रोड साइड एरिया में छोटी-छोटी दुकान लगाकर हेलमेट बेच रहे हैं। महज 250 से 600 रुपए में बिकने वाले इस हेलमेट में न क्वालिटी होती है और न ही आईएसआई मार्क का ख्याल रखा जा रहा है। हल्का जोर पड़ते ही हेलमेट टूट जाता है। एक्सीडेंट के वक्त इस हेलमेट से जान की रक्षा असंभव है।हेलमेट सिर्फ फाइन से बचने को नहींं


रोड एक्सीडेंट में खुद की रक्षा नहीं, बल्कि पुलिस के फाइन से बचने के लिए लोग हेलमेट लगाते हैं। लोगों की यह आम धारना बन चुकी है कि सिर्फ फाइल से बचने के लिए सिर पर हेलमेट पहन लिया जाए। हेलमेट के प्रकार भी काफी डिफरेंट टाइप के हैं। कोई इंजीनियर की टोपी पहन रहा है तो कोई यूं ही कुछ भी लगा ले रहा है। सिर्फ पुलिस को यह लगना चाहिए कि राइडर और पीलियन राइडर दोनों ने हेलमेट लगा रखा है। भले वह कोई टोपी या कुछ और ही क्यों न हो। एक्सीडेंट के वक्त इस तरह के हेलमेट बाइक या स्कूटी सवार के रोड पर गिरने से पहले ही कहीं दूर जा चुका होता है और जब तक हेलमेट मिलता है तब तक काफी देर हो जाती है, लोगों की जान पर ही बन आती है। फिर भी पब्लिक इन बातों को नजरअंदाज करती हैं। ऐसे ही खतरों से बचने के लिए डुप्लीकेट हेलमेट की बिक्री पर रोक लगाने की पहल शुरू कर दी गई है। आईएसआई मार्क वाले हेलमेट ही बिकने हैं

भारतीय मानक आईएसआई के तहत निर्मित हेलमेट के अलावा अन्य किसी भी प्रकार के हेलमेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। डुप्लीकेट या अन्य किसी भी प्रकार के हेलमेट बेचने पर पुलिस कार्रवाई करेगी। इसके लिए आम पब्लिक को भी अवेयर किया जा रहा है। टू व्हीलर चलाने वाले लोगों को हेलमेट के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जा रही है। परिवहन विभाग के पदाधिकारी और ट्रैफिक पुलिस हर इलाके में घूम-घूम कर इसकी चेकिंग शुरू कर रहे हैं। दुकानों में हेलमेट के ऊपर कड़े प्रहार कर इसकी गुणवत्ता की भी जांच करेगी। कड़े प्रहार से हेलमेट के टूटने पर सभी हेलमेट को फौरन हटाकर आईएसआई हेमलेट रखने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच में दोबारा गड़बड़ी पकड़े जाने पर सभी हेलमेट भी जब्त कर लिया जाएगा और सुसंगत सजा दी जाएगी। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि दोपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद हेलमेट पहने रहने के बावजूद लोगों की मौत हो रही है। इसके पीछे की मुख्य वजह हेलमेट की मजबूती का न होना माना गया है। दो पहिया वाहन में हेलमेट पहनने के बावजूद सिर में गंभीर चोट आ रही हैं, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो जा रही है। लोग लाखों रुपए की बाइक तो लेते हैं लेकिन एक से दो हजार रुपए में मिलने वाला हेलमेट खरीदने में लापरवाही बरतते हैं।

Posted By: Inextlive