रांची: लॉकडाउन पूरी तरह से खुलने के बाद अब रियल एस्टेट का मार्केट भी राजधानी में रफ्तार पकड़ रहा है। लालपुर, बरियातू रोड। कांके रोड पिस्का मोड़, हिनू, हटिया सहित सभी इलाकों में जो बड़े-बड़े अपार्टमेंट बन रहे हैं, उनके खरीदार भी मिलने शुरू हो गए हैं। अब फ्लैट खरीदने को लेकर बहुत ही गंभीरता से लोग सोच रहे हैं। यही कारण है कि मध्यम आकार के फ्लैट को लेकर मध्यम वर्ग की जिज्ञासा न सिर्फ बढ़ी है, बल्कि खरीदारी की भी शुरुआत हो चुकी है। होम लोन पर ब्याज की दर भी कम होने का लोग फायदा उठाना चाहते हैं। हालांकि, बड़े निवेशक अभी भी पूरी प्रक्रिया से कुछ दूरी बनाए हुए हैं।

बढ़ रहे हैं खरीददार

रियल एस्टेट कारोबार से संबंधित कारोबारियों के संगठन क्रेडाई के अध्यक्ष कुमुद झा बताते हैं कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जो घर बनाना या खरीदना चाहते हैं। निवेश और खासकर बड़े पैमाने पर निवेश के इच्छुक लोगों की संख्या में कोई खास इजाफा अभी नहीं हुआ है। कुमुद झा के अनुसार छोटे आकार के फ्लैट को लेकर जिज्ञासा करनेवाले लोगों की संख्या 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ी है। बैंकों में ब्याज दर कम होने का असर भी बाजार पर हुआ है। वर्षो से घर खरीदने का मन बना चुके लोगों के लिए ब्याज दरों का कम होना भी एक बेहतर अवसर की तरह है। खरीदारों की संख्या अभी और बढ़ती अगर महिलाओं के नाम पर एक रुपये में निबंधन की योजना को चालू रखा जाता। इस योजना के बंद होने से अब लोगों को अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं।

अभी और संख्या बढ़ेगी

बिल्डर अमित अग्रवाल बताते हैं कि छोटे निवेशकों और घर खरीदने वालों की संख्या अभी और बढ़ेगी। बाजार के स्थिर होने का लाभ मिलेगा। बाजार अभी तीन-चार महीनों तक धीरे-धीरे बढ़ता ही रहेगा। एक कारण यह भी है कि बिल्डरों ने कीमतों में अधिक इजाफा नहीं किया है। हालांकि, सीमेंट और छड़ की कीमत जरूर बढ़ी है।

बड़े खरीदार नहीं मिल रहे हैं

क्रेडाई से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि रांची में अभी मीडियम फ्लैट जो 1000 से 1500 स्क्वायर फीट के बने हैं, उनके अच्छ खरीदार मिल रहे हैं। लेकिन लालपुर, बरियातू रोड, कांके रोड में जो लग्जरियस अपार्टमेंट बने हैं उनके खरीदार नहीं मिल रहे हैं। जो मीडियम रेंज के कस्टमर हैं वो 50 लाख से 60 लाख में लालपुर, कोकर, बरियातू, कांके रोड,। पिस्का मोड़, हिनू । हटिया इलाके में फ्लैट खरीद कर रहना पसंद करते हैं। लेकिन जो बडे़ और लग्जरियस अपार्टमेंट बनाए गए हैं जिनकी कीमत डेढ़ से 2 करोड़ रुपए तक रखी गई है उसके कस्टमर बहुत कम मिल रहे हैं। हालांकि जो डेवलपर इन प्रॉपर्टी को डेवलप किए हैं उनके साथ भी परेशानी है कि उनका कॉस्ट बहुत अधिक लग गया है और वो इसका दाम भी कम नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण उनको अनुकूल खरीदार नहीं मिल पा रहे हैं।

जमीन अब भी लोगों को पसंद

जमीन अब भी निवेश के लिए पहली पसंद है। निवेशकों के साथ जरूरतमंद भी अपार्टमेंट के बजाय भूखंड खरीदना ही बेहतर मानते हैं। हालांकि, फ्लैट के साथ भूखंड की बिक्री में भी पिछले साल की तुलना में कमी आई है। साल 2018-19 में 3792 फ्लैट बिके, जबकि 2019-20 में सिर्फ 3051 फ्लैट की ही रजिस्ट्री हुई। हलाकि, इस साल फ्लैट की बिक्री में 20 प्रतिशत की आयी। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल की तुलना में इस साल फ्लैट की बिक्री में करीब 20 प्रतिशत तक की कमी आई है। पिछले साल 2018-19 में कुल 3792 फ्लैट के डीड की रजिस्ट्री हुई। वहीं 2019-20 मे महज 3051 फ्लैट के डीड की ही रजिस्ट्री हुई। वहीं, जमीन में अब भी निवेशकों का भरोसा कायम है।

Posted By: Inextlive