Trains in Jharkhand on ‘red’ alert
ट्रेन हैं सॉफ्ट टारगेट
नक्सली ट्रेन को सॉफ्ट टारगेट बना रहे हैं। नक्सली ट्रेन को हाईजैक कर वहां चेन पुलिंग कर रहे हैं, जहां से ट्रेन में एस्कॉर्ट कर रही पार्टियों को किसी तरह से बाहरी मदद नहीं मिल सके। इसके पीछे उनका सिर्फ उनका मकसद पुलिसकर्मियों से हथियार लूटना और दहशत फैलाना है। इसमें उन्हें कामयाबी भी मिल रही है।
रांची से विभिन्न जगहों के लिए हटिया-पाटलिपुत्रा, राजधानी, गरीब रथ और हटिया-हावड़ा एक्सप्रेस समेत 28 ट्रेनें खुलती हैैं। इनमें से चार ही ट्रेनों में एस्कॉर्ट की व्यवस्था है। सूत्रों के मुताबिक, नक्सली इन्हीं ट्रेनों को टारगेट कर सकते हैैं. पुलिस हेडक्वार्टर ने जमुई में ट्रेन पर हुए नक्सली हमले को देखकर झारखंड में भी रेड अलर्ट जारी कर दिया है। विशेष कर रेल एसपी जीतेंद्र सिंह को इसके लिए इन्फॉर्म भी कर दिया है।
ऐसे कैसे मिलेगी सिक्योरिटी?
जीआरपी रांची तथा आरपीएफ दोनों के पास सुरक्षा बल की भारी कमी है। आरपीएफ, जो रेलवे एक्ट के तहत होनेवाले अपराधों और सुरक्षा के लिए रिस्पांसिबल है, के पास केवल 48 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध हैैं। चूंकि कई ट्रेनें नक्सली इलाकों से होकर गुजरती हैैं। ऐसे में अगर नक्सली उन्हें टारगेट करते हैैं, तो सुरक्षाकर्मियों की कमी के चलते समय पर उन्हें सुरक्षा भी नहीं प्रदान की जा सकेगी। इस सिलसिले में कई बार सवाल भी उठाए जाते रहे हैं, लेकिन गवर्नमेंट और रेलवे डिपार्टमेंट नेे कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
हटिया जीआरपी एरिया के बानो महाबुआंग में ट्रैक पर लावारिस बम बरामद किया गया था। उक्त बम को नक्सलियों ने रखा था या आपराधिक रिरोहों ने, इस मामले की पुलिस अब तक जांच ही कर रही है।