राजधानी रांची में अब भी सैकड़ों प्राइवेट क्लिनिक हॉस्पिटल जांच घर अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैैं. इनमें अधिकतर के पास रजिस्टे्रशन नंबर नहीं है.


रांची (ब्यूरो): कई रजिस्टर्ड हॉस्पिटल, क्लिनिक की समय सीमा खत्म हो गई है। अब ऐसे क्लिनिक, हॉस्पिटल, जांच घर, नर्सिंग होम समेत सभी तरह के हेल्थ फैसिलिटी देने वाले संचालकों पर शिंकजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। 31 अगस्त तक की अंतिम समय सीमा दी गई है। इस समयावधि तक सभी को रजिस्टे्रेशन करा लेना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वालों पर क्लिनिकल एस्टब्लिशमेंट एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई र्की जाएगी। बिना रजिस्टे्रेशन प्राइवेट हॉस्पिटल, क्लीनिक संचालन करते पाए जाने पर जुर्माना किया जाएगा। प्रशासन चलाएगा अभियान


नियमों को ताक पर रखकर चलने वाले स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की कवायद तेज कर दी गई है। रांची जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बिना रजिस्ट्रेशन के निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, जांच घर आदि के खिलाफ जांच अभियान चलाया जाएगा। सिविल सर्जन कार्यालय से सभी हेल्थ सर्विस देने वाले सभी लोगों को नोटिस भेज दिया गया है। संबंधित संस्थानों से क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन एक्ट-2010 के तहत रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया गया है। रजिस्टे्रेशन के लिए संस्थान के ओनर ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं। वहीं, जिन्होंने रिन्यूअल नहीं कराया है उन्हें भी अनिवार्य रूप से रिन्यूअल के लिए अप्लीकेशन देना होगा। ऐसा नहीं करने पर एक्ट के तहत 100 रुपए रोज के अनुसार जुर्माना देना होगा। जरूरी है जानकारी देना क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन एक्ट 2010 में अस्पतालों व जांच घर की अलग-अलग सर्विस में ट्रांसपेरेंसी रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत कई प्रावधान और मापदंड तय किए गए है। इस एक्ट के तहत सभी अस्पताल/ क्लिनिक/नर्सिग होम/ आयुष/ पैथोलॉजी जांच घर/ एक्स-रे संस्थान आदि संस्थानों के इंक्वायरी या एंट्री गेट पर ही डॉक्टर का नाम, उनका क्वालिफिकेशन, स्पेशियालिटी, मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन भी प्रदर्शित करना होगा। इतना ही नहीं संस्थान द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे सभी सर्विसेज, उसके चार्जेज की भी जानकारी देना जरूरी है। भरना पड़ेगा जुर्माना

एक्ट के तहत बिना रजिस्ट्रेशन के एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, नेचुरोपैथी व योगा चिकित्सा पद्धति से संबंधित अस्पताल, मैटरनिटी होम, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, क्लिनिक एवं लेबोरेट्री (जांच केंद्र) आदि का संचालन नहीं हो सकता है। बिना रजिस्ट्रेशन के चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराने पर एक्ट की धारा-41 (1) के तहत जुर्माना वसूला जाएगा। यह जुर्माना 50 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक निर्धारित है। सिविल सर्जन के अनुसार पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार रुपए तक, दूसरी बार में 2 लाख और तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 लाख रुपए तक फाइन किया जा सकता है। सिर्फ 271 का रजिस्ट्रेशन सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी रांची में 601 छोटे-बड़े निजी अस्पताल, क्लीनिक और रेडियोलॉजी सेंटर संचालित हो रहे हैं। इनमें सिर्फ 271 के पास ही रजिस्टे्रशन नंबर है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के बाद भी रांची में करीब 330 सेंटरों ने एक्ट के तहत निबंधन नहीं कराया है और मरीजों का इलाज धड़ल्ले से कर रहे हैं। कई बार मरीजों द्वारा बेहतर इलाज नहीं होने से लेकर अन्य परेशानियों की शिकायत भी इन सेंटरों से आती है। सेंटर के रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज, डॉक्टर और प्रशासन के बीच ट्रांसपैरेंसी बनी रहेगी। हेल्थ सर्विस देने वाले सभी सेंटर्स को 31 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन करा लेना अनिवार्य है। समय खत्म होने के बाद ऐसे सेंटर संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। - डॉ विनोद कुमारसिविल सर्जन, रांची

Posted By: Inextlive