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RANCHI: रांची में कोरोना के हॉट स्पॉट का दायरा बढ़ सकता है। एक रिटायर्ड डीडीसी जो एक ट्रेनी आईपीएस के पिता थे, उनकी की शनिवार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में इलाज के दैरान मौत हो गयी। मरने से कुछ घंटे पहले आयी उनकी जांच रिपोर्ट में कोविड 19 पॉजिटिव पाया गया है। वह बरियातू के जोड़ा तालाब इलाके में एक अपार्टमेंट में रहते थे, जिसके बाद पूरे बरियातू इलाके में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में उनके अपार्टमेंट को सील कर दिया गया है और उनकी हिस्ट्री निकाली जा रही है। जिला प्रशासन और रांची पुलिस के अधिकारी उनके परिजनों से लगातार संपर्क में है और यह जानकारी खंगाली जा रही है कि मृतक और उनके परिजन इलाज के दौरान कहा कहा गए, किनसे मिले।

31 मार्च को लेक व्यू में भर्ती

जिस व्यक्ति में कोरोना पॉजीटिव पाया गया है, उन्हें 31 मार्च को बरियातू के लेक व्यू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह जमीन पर गिर गए थे, जिससे उन्हें काफी चोट आई थी। कई दिनों तक हालत में सुधार नही होने और कई जांच के बाद उन्हें 16 अप्रैल को एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था।

मेदांता में कोरोना जांच

गुड़गांव मेदांता अस्पताल ने मरीज की भर्ती के साथ ही उनकी कोरोना जांच कराई जिसमे शनिवार को आये रिजल्ट में कोविद 19 पॉजिटिव पाया गया.ऑफिसर के पूरे परिवार के संपर्क में आने वालों का दायरा बहुत बड़ा है। ऐसे में क्वारेंटाइन किए जाने वाले लोगों की संख्या को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के माथे पर बल पड़ गया है। वहीं, बरियातू के लोग भी सहम गए हैं।

उठ रहे सवाल

1-रांची में 16 दिनों तक ट्रीटमेंट किया, लेकिन कोरोना की जांच नही कराई।

2- अस्पतालों और जांच केंद्रों ने भी कोरोना जांच जरूरी नही समझा, जबकि मरीज की उम्र 70 साल है।

3- बिना कोविड 19 जांच रिपोर्ट देखे आखिर अधिकारी ने उनके लिए इंटर स्टेट पास कैसे जारी कर दिया।

4- एयर एंबुलेंस सेवा प्रदान करने से पहले भी कोरोना जांच नही कराई गई।

5- एयरपोर्ट के भीतर प्रवेश करने के बाद भी क्या उनकी कोरोना जांच नही की गई।

3 अस्पताल और 2 जांच केंद्रों पर नजर

आईपीएस अफसर के पिता को इलाज के दौरान बरियातू रोड स्थित तीन हॉस्पिटल और दो डायग्नोसिस सेंटर ले जाया गया था। अब इन सभी अस्पतालों के संपर्क में आने वालों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। अब तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार बरियातू में रिम्स के निकट स्थित राम प्यारी सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल, भगवान महावीर मेडिका हॉस्पिटल (बूटी मोड़), लेक व्यू नर्सिग होम (बरियातू), एडवांस डायग्नोसिस सेंटर और राय डायग्नोसिस सेंटर भी जांच के लिए ले जाया गया था। लेक व्यू नर्सिग होम में तो वे भर्ती भी किए गए थे।

अपार्टमेंट को किया सील

रांची के प्रशासनिक अधिकारी इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि उन्हें इस नए मरीज के चेन को काफी दूर तक खंगालना पड़ेगा। अव्वल तो जिस अपार्टमेंट में वे रहते थे, वहां 70 से भी ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा सभी हॉस्पिटल व डायग्नोसिस सेंटर को भी क्वारेंटाइन करना होगा। इतना ही नहीं, इन सभी जगहों पर जितने भी लोग संपर्क में आए होंगे, उन्हें ढूंढ़ना होगा और जांच कर पता लगाना होगा कि कहीं किसी और को भी इंफेक्शन तो नहीं हुआ। इसे लेकर शनिवार को प्रशासन ने लेक व्यू नर्सिग होम में जांच शुरू भी कर दी। सभी कर्मचारियों की जांच की गई। इसके अलावा अन्य स्थानों को भी सेनिटाइज किया जा रहा था।

तारीख दर तारीख

31 मार्च - डॉक्टर एमडी अख्तर, डॉ वकार अहमद और डॉ उच्जवल रॉय की कस्टडी में लेक व्यू हॉस्पिटल में भर्ती किये गए।

31 मार्च - सुबह 11 बजे एडवांस डाइग्नेसिस सेंटर में ब्रेन का सिटी स्कैन किया गया।

2 अप्रैल - सुबह 11 बजे मां रामप्यारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में उनका फिर से सिटी स्कैन और एमआरआई किया गया। डाइग्नोसिस ब्रेन हैमरेज निकला।

2 अप्रैल- कमरा नम्बर 102 जो कि सुपर डिलक्स रूम है वहां 10 दिनों के लिए भर्ती किया गया।

10 अप्रैल - दिन के 2 बजे ओपीडी कन्सल्ट के लिए उन्हें रॉय न्यूरो केयर में डॉ उज्जवल राय के पास भेजा गया। उन्होंने आईसीयू में शिफ्ट करने की एडवाइस दी।

10 से 16 अप्रैल- 6 दिनो तक उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन इस दौरान भी उनकी कोरोना जैसी महत्वपूर्ण जांच नही कराई गई।

उनमें किसी तरह का कोई सिम्टम्स नही था, इसलिए जांच जरूरी नहीं लगी। अब किसी भी पेशेंट की भर्ती से पहले जांच जरूरी रहेगी।

डॉ एमडी अख्तर

लेक व्यू हॉस्पिटल, रांची

Posted By: Inextlive