RANCHI:रिम्स में मरीज की मौत के बाद परिजन व जूनियर डाक्टरों के बीच मारपीट का मामला शांत हो गया है। बुधवार को रिम्स प्रबंधन से बातचीत के बाद जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली। दोपहर दूसरी पाली से ओपीडी सेवा मरीजों के लिए बहाल कर दी गई। जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के सदस्य डॉ अनितेश गुप्ता ने बताया कि प्रबंधन और पुलिस प्रशासन के साथ लंबी वार्ता के बाद हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया गया।

वार्डो में जवानों की तैनाती हो

मृतक के आरोपित परिजनों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने की मांग को बढ़ाकर 72 घंटे किया गया है। बैठक के दौरान आक्रोशित सभी जूनियर डाक्टरों ने 72 घंटे के भीतर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। डॉ अनितेश के अनुसार, ओपीडी सेवा शुरू करने के बाद मरीजों को देखा जा रहा है। रिम्स में आगे से ऐसी घटनाएं कम हों और उचित कार्रवाई के लिए वार्डो में पुलिस के जवानों की तैनाती का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे प्रबंधन द्वारा पूरा करने का आश्वासन मिला है। दोपहर दो बजे के बाद रिम्स निदेशक डॉ मंजू गाड़ी से बातचीत के बाद डाक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली।

मरीज की मौत के बाद हुआ था हंगामा

सोमवार देर रात धनबाद के मरीज की इलाज के क्रम में मौत हो गई थी। परिजनों ने इलाज में लापरवाही बताते हुए डाक्टरों के साथ मारपीट शुरू कर दी। वहीं महिला चिकित्सक ने परिजनों पर कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया था। महिला चिकित्सक ने बरियातू थाने में परिजनों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई। इसके बाद डाक्टरों ने ओपीडी बंद कर कार्य बहिष्कार किया था।

जूनियर डॉक्टरों की मांग और कार्रवाई

- आरोपी परिजन की 24 घंटे के भीतर हो गिरफ्तारी, संस्थान की ओर से दर्ज कराई जाए एफआईआर।

- कार्रवाई : प्रबंधन ने दर्ज कराया एफआईआर।

- वार्ड की पुलिस सुरक्षा दुरुस्त कराई जाए।

- कार्रवाई : प्रबंधन ने बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था।

- किसी भी स्थिति में एक मरीज के साथ एक ही परिजन के रहने की अनुमति प्रदान की जाए।

- कार्रवाई : बुधवार को पास जांच के बाद एक-एक परिजन को दिया गया वार्ड में जाने।

- सभी वार्ड और आइसीयू में निजी सुरक्षाकर्मी के अलावा एक-एक पुलिसकर्मी की तैनाती की जाए।

- कार्रवाई : किसी-किसी वार्ड में पुलिस की तैनाती दिखी।

- गंभीर हमले की स्थिति में हमलावर को 6 माह की सजा और 1 से 5 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाए।

- कार्रवाई : प्रबंधन इस पर विचार करेगा।

Posted By: Inextlive