रिम्स में किडनी फ्लोयर मरीजों को अब डायलिसिस के लिए बार-बार बॉडी में फिस्टुला बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

Ranchi : यहां मरीजों का मुफ्त में एवी फिस्टुला बनाया जा रहा है, जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में इसके लिए दस हजार रुपए चार्ज वसूले जाते हैं। रिम्स में इस व्यवस्था से किडनी पेशेंट्स को काफी राहत मिली है। उन्हें इसके लिए अब बार-बार बॉडी को पंक्चर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और एक ही फिस्टुला से उनका लंबे समय तक डायलिसिस किया जा सकता है।

 

हाथ में बनाया जाता फिस्टुला

रिम्स के कार्डियो वस्कुलर सर्जन डॉ अंशुल ने बताया कि डायलेसिस कराने के लिए ज्यादातर मरीज मेडिसीन वार्ड में आते हैं। यहां कुछ किडनी पेशेंट्स का गर्दन तो कुछ का थाई में फिस्टुला बनाया जाता है। इसमें मरीजों को तो परेशानी होती ही है, साथ में लंबे समय तक इससे डायलिसिस भी नहीं किया जा सकता है। लेकिन, एवी फिस्टुला हाथ में बनाया जाता है, जिस वजह से लंबे समय तक आसानी से कहीं और किसी भी हॉस्पिटल में डायलिसिस कराया जा सकता है।

 

क्या है एवी फिस्टुला

किडनी फ्लोयर वाले मरीजों का डायलेसिस के लिए बॉडी में फिस्टुला बनाया जाता है। बॉडी के अलग-अलग पार्ट में फिस्टुला बनाए जाने से मरीजों को काफी दिक्कतें होती है, लेकिन एवी फिस्टुला एक ऐसी टेक्निक है, जो हाथ में परमानेंट बनाया जाता है। इससे मरीज के बॉडी को बार-बार पंक्चर करने की जरूरत नहीं पड़ती है। एवी फिस्टुला में लंबे समय तक डायलिसिस कराया जा सकता है।

 

प्राइवेट हॉस्पिटल भी कर रहे रिम्स रेफर

रिम्स में मुफ्त में एवी फिस्टुला बनाए जाने की व्यवस्था शुरू होने के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल भी किडनी पेशेंट को रिम्स रेफर कर रहे हैं। लापुंग के रहने वाले थोबियस आइंड ने बताया कि उन्हें डायलेसिस के लिए एक प्राइवेट हास्पिटल में एडमिट कराया गया था। यहां डॉक्टर्स ने डायलिसिस का खर्च काफी बता दिया। इसके बाद परिजन उन्हें लेकर रिम्स पहुंचे, जहां उनकी हाथ में एवी फिस्टुला मुफ्त में लगाया गया। मंगलवार को थोबियस का डायलेसिस एवी फिस्टुला से ही किया गया।

Posted By: Inextlive