RANCHI: रिम्स की सुपरस्पेशियलिटी विंग में बनने वाले ट्रॉमा सेंटर की नर्से भी गंभीर रूप से जख्मी मरीज की जान बचा सकेंगी। इसके लिए इन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएंगी। ताकि ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों का प्राइमरी ट्रीटमेंट के अलावा उनका अल्ट्रासाउंड भी आसानी से कर सकें। ऐसे में डॉक्टर की व्यस्तता के बावजूद रिम्स पहुंचने के बाद किसी भी मरीज का इलाज तुरंत शुरू हो सकेगा। इतना ही नहीं, सिटी स्कैन और एमआरआई कराने के लिए भी अलग-अलग जाने की जरूरत नहीं होगी। इमरजेंसी में भी मरीज के सिर का अल्ट्रासाउंड करने की भी व्यवस्था होने वाली है। यह जानकारी रिम्स के डायरेक्टर बीएल शेरवाल ने दी। वह थाईलैंड दौरे से लौटने के बाद अपनी योजना की जानकारी दे रहे थे।

डॉक्टर से पहले शुरू कर देंगी इलाज

इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ट्रीटमेंट करने के लिए रिम्स की नर्सो को ट्रेनिंग दी जाएंगी। इसके बाद गंभीर मरीजों के इलाज के लिए भी नर्सो को डॉक्टर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नर्सो को इतना ट्रेंड कर दिया जाएगा कि डॉक्टर के आने से पहले ही वे मरीज का ट्रीटमेंट शुरू कर देंगी। एक्सीडेंट के बाद मरीजों के हास्पिटल पहुंचने तक का समय गोल्डन पीरियड होता है। इस दौरान अगर मरीज को सही इलाज मिल जाए, तो उनकी जान बच सकती है।

मरीजों की घटेगी परेशानी

अभी हास्पिटल में आने वाले गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में लाया जाता है, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद जांच के लिए लिखा जाता है। फिर मरीजों को अल्ट्रासाउंड और इसीजी के लिए रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट जाना पड़ता है। इसमें मरीजों को काफी दिक्कतें होती हैं। लेकिन नई व्यवस्था शुरू होने से इमरजेंसी वार्ड, ट्रामा सेंटर में उनका अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकेगा।

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नवंबर में ट्रामा सेंटर का इंस्पेक्शन करेगी थाईलैंड की टीम

डायरेक्टर डॉ। शेरवाल ने बताया कि थाईलैंड में उन्होंने ट्रामा सेंटर के लिए प्रेजेंटेशन दिया। नवंबर में टीम ने आने की बात कही है। इससे पहले ट्रामा सेंटर में सारी चीजें व्यवस्थित की जा रही हैं। टीम के आने के बाद जो भी इंस्ट्रक्शन होगा, उसपर काम किया जाएगा। बताते चलें कि रिम्स में सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग के सामने मल्टी स्टोरी ट्रामा सेंटर बनाया जा रहा है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।

Posted By: Inextlive