RANCHI: रिम्स में मरीज दूर दराज से इलाज के लिए आते हैं, जहां मरीजों का इलाज तो फ्री में होता है, लेकिन पीने के पानी के लिए पैसे चुकाने पड़ रहे हैं। जी हां, मेन बिल्डिंग के ओपीडी में पीने का फ्री पानी बंद कर दिया गया है। इस वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पीने के पानी के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। नतीजन, उनकी जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

डेली खरीद रहे 50 रुपए का पानी

हॉस्पिटल में हर दिन मरीज इलाज के लिए आते हैं, जहां डॉक्टर से दिखाने के चक्कर में सुबह से शाम भी हो जाती है। ऐसे में मरीज और उनके परिजनों को पानी खरीदकर पीने के अलावा कोई चारा नहीं है। वाटर वेंडिंग मशीन में उन्हें 5 रुपए प्रति लीटर चुकाना पड़ता है। जबकि बाहर से मिनरल वाटर खरीदने पर 8 रुपए से लेकर 20 रुपए तक चुकाने पड़ते हैं। इससे साफ है कि एक दिन में हर कोई लगभग 50 रुपए का पानी खरीदकर पी रहा है।

वाटर वेंडिंग मशीन में बंद नहीं होती सप्लाई

हॉस्पिटल में भले ही वार्डों में पानी न पहुंचे। लेकिन वाटर वेंडिंग मशीन में कभी पानी की सप्लाई बंद नहीं होती। यही वजह है कि पीने के लिए पानी खरीदना मरीजों और उनके परिजनों की मजबूरी है। चूंकि बाहर से पानी खरीदने में उन्हें ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इससे साफ है कि प्रबंधन भी पेड ड्रिंकिंग वाटर की व्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है। लेकिन इस चक्कर में मरीजों और उनके परिजनों की जेब कट रही है।

संस्था ने लगवाया था वाटर प्यूरीफायर

ओपीडी में वाटर प्यूरीफायर एक संस्था ने लगवाया था जो सालों तक चलता रहा। प्यूरीफायर लगाने का उद्देश्य यह था कि इलाज के लिए आने वाले को पीने के लिए शुद्ध पानी मिल सके। इस बीच प्रबंधन ने रेगुलर सर्विस भी कराई ताकि मरीजों को पानी मिलता रहे। लेकिन वाटर वेंडिंग मशीन के लगते ही प्रबंधन ने इसे इग्नोर कर दिया। आज स्थिति यह है कि इसे अपनी जगह से हटाकर किनारे लगा दिया गया है।

Posted By: Inextlive