क्लब फुट के इलाज के लिए अब नहीं लगानी होगी दौड़
RANCHI: क्लब फुट (एड़ी के पास पैर का मुड़ना) एक बड़ी समस्या है। लेकिन लोग इसको लेकर अवेयर नहीं हैं। इस वजह से समय पर बच्चों का इलाज नहीं हुआ। जबतक बीमारी का पता लग पाता तबतक उनकी उम्र निकल गई। इसके बाद बॉडी की यह बीमारी जीवन भर के लिए श्राप बन गई। लेकिन हाल के कुछ वर्षो में इस बीमारी का भी इलाज शुरू हो गया। जिससे कि क्लबफुट के बच्चे भी आम बच्चों की तरह ही खेलकूद रहे हैं। इतना ही नहीं, उनका मुड़ा हुआ पैर भी पूरी तरह से ठीक हो गया। चूंकि क्योर इंडिया नेशनल हेल्थ मिशन, क्योर क्लबफुट वर्ल्ड वाइड झारखंड सरकार के साथ मिलकर कई हॉस्पिटलों में इस सर्विस को शुरू कर चुकी है।
गर्भ में ही हो जाती है बीमारीक्लबफुट के नाम से जानी जाने वाली इस बीमारी के कारण का अब तक पता नहीं चल पाया है। डॉक्टर्स व एक्सपर्ट्स इस बीमारी के कारण को जानने में जुटे हैं। लेकिन यह बीमारी बच्चों को गर्भ में ही हो जाती है। इसलिए ठीक करने को लेकर जन्म तक इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का छह साल तक इलाज हो जाए तो वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। इसके लिए झारखंड के हॉस्पिटलों में दिन भी तय कर दिया गया है।
ऐसे होता है इलाज क्लबफुट में बच्चे का पैर एड़ी के पास मुड़ा होता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां भी मजबूत हो जाती हैं। ऐसे में कम उम्र में ही डॉक्टर्स पैर की एड़ी के पास हर हफ्ते प्लास्टर करते हैं। तीन से चार महीनों तक प्लास्टर के बाद एक छोटा सा ऑपरेशन पैर की फ्लेक्सीब्लिटी बनाए रखने के लिए किया जाता है। इसके बाद बच्चों को स्पेशल जूते दिए जाते हैं ताकि उनका पैर पूरी तरह से ठीक हो जाए। वहीं जूता रेगुलर नहीं पहनने की स्थिति में दोबारा क्लबफुट होने का खतरा बढ़ जाता है। हॉस्पिटल दिन कांटैक्ट नंबर रिम्स, रांची सोम,मंगल,बुध 8877110606 सदर, रांची शनिवार 8877110606 पीएमसीएच, धनबाद मंगलवार 8521436403 सदर, हजारीबाग गुरुवार 9931174463 रांची में ये डॉक्टर्स हैं एक्सपर्ट डॉ.एलबी मांझी, आर्थो, रिम्स डॉ जीके गुप्ता, आर्थो, रिम्स डॉ.एस मंडल, आर्थो, सदर