RANCHI: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रजिस्ट्रेशन काउंटर को प्राइवेट एजेंसी के हवाले कर दिया गया। लेकिन, व्यवस्था सुधरने की बजाय और बिगड़ गई है। रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए सभी काउंटर नहीं खुल रहे है। इससे इलाज के लिए आने रहे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं रजिस्ट्रेशन कराने के चक्कर में डॉक्टरों का ओपीडी टाइम भी खत्म हो जा रहा है। इस वजह से मरीजों को डॉक्टर से दिखाने के लिए सेकेंड हाफ का इंतजार करना पड़ रहा है।

तीन काउंटर्स पर मरीजों का रजिस्ट्रेशन

हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या काफी है। ओपीडी में हर दिन 1500 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में मरीजों के लिए छह काउंटर और एक काउंटर रिम्स के स्टाफ के लिए बनाए गए थे। जिसमें तीन काउंटर महिलाओं के लिए और तीन पुरुषों के लिए है। लेकिन 7 में से तीन काउटंरों पर ही मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। जिसमें एक महिला, एक पुरुष और एक काउंटर रिम्स के लिए है। ऐसे में जाहिर है कि भीड़ काफी होगी। वहीं इस वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का तो कहीं नामो निशान तक देखने को नहीं मिल रहा है।

कैश में गड़बड़ी के बाद आई थी एजेंसी

हॉस्पिटल में सभी काउंटर्स पर पहले भी एक एजेंसी के लोगों को ही तैनात किया गया था। कई सालों तक उसी एजेंसी के लोग मरीजों का रजिस्ट्रेशन करते रहे। इस बीच कई बार पुरानी एजेंसी के स्टाफ पर कैश में गड़बड़ी का आरोप लगा। तब प्रबंधन ने नई एजेंसी एचडीएफसी को रजिस्ट्रेशन काउंटर पर रजिस्ट्रेशन की जिम्मेवारी सौंप दी। लेकिन एचडीएफसी ने वहां पर खुद से काम न करते हुए किसी दूसरी एजेंसी को काम दे दिया। इस वजह से व्यवस्था फिर से बेपटरी हो गई।

सीनियर सिटीजन काउंटर भी बंद

इलाज के लिए आने वाले सीनियर सिटीजंस की सुविधा के लिए एक सेपरेट काउंटर बनाया गया था। जिससे कि उन्हें लाइन में ज्यादा देर तक इंतजार न करना पड़े। अब एजेंसी ने उस काउंटर को भी बंद कर दिया है। इस वजह से उन्हें भी जेनरल लाइन में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ रहा है। वहीं लाइन में घंटों तक खड़े रहने के कारण उनकी हालत खराब हो रही है।

महिलाओं के काउंटर में पुरुष

रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पुरुष महिलाओं के लाइन में लग जा रहे हैं। वहीं जल्दी इलाज कराने के चक्कर में वे लोग जाकर पर्ची भी कटवा ले रहे हैं। इसे लेकर आए दिन वहां पर हंगामा भी होता है। लेकिन ड्यूटी में तैनात गा‌र्ड्स को भी इससे कोई मतलब नहीं है। बस सीटी बजाकर लोगों को शांत रहने को कहते हैं। इस काम में ही उनकी ड्यूटी खत्म हो जाती है। जबकि लाइन में सोशल डिस्टेंसिंग भी फालो कराने को कहा गया था।

Posted By: Inextlive