इस बार नहीं पड़ी रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत. फरवरी में 2138 वायल इंजेक्शन हो जाएंगे एक्सपायर. रांची जिला प्रशासन के जुलाई में मंगाया था रेमडेसिवर इंजेक्शन का स्टॉक.


रांची(ब्यूरो)। कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण कई लोगों की जान चली गई। वहीं इस साल एक भी व्यक्ति को रांची में रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ी। नतीजा यह हुआ कि अगले महीने फरवरी में 2138 वायल एक्सपायर कर रहे हैैं। रांची जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गई है।जुलाई में उपलब्ध कराया गया था स्टॉकरांची जिला प्रशासन के पिछले साल जुलाई महीने में ही रेमडेसिवर इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध कराया था। पिछले साल के सातवें महीने में स्टाक उपलब्ध कराया गया था, वह अगले महीने फरवरी में एक्सपायर हो रहा है। पिछले साल कोरोना में सबसे अधिक रेमडेसिविर की जरूरत महसूस की गई थी, अधिकतर लोग जो कोरोना से संक्रमित हो रहे थे, वह एक रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहे थे।सरकार ने 700 में खरीदा
बाजार में रेमडेसिविर की कीमत 2000 से 3000 तक है। लेकिन सरकार की तरफ से एक वायल 700 रूपए मे खरीदी गई थी। रेमडेसिविर एंटीवायरल ड्रग है, जिसे वायरल संबंधी बीमारियों के समय इस्तेमाल किया जाता है। रांची सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रखंड स्तर के सभी अस्पतालों में भेजी गई थी। जांच कर चुकी है सीआईडी


रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले की जांच सीआइडी की विशेष जांच दल (एसआइटी) कर रही है। पिछले साल इसकी कालाबाजारी का मामला सामने आने पर डोरंडा स्थित सृष्टि अस्पताल में छापेमारी की गई थी। एसआइटी ने अस्पताल प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों के अलावा वहां के कर्मियों से भी पूछताछ की थी। पूछताछ में एसआइटी को कई अहम जानकारियां भी मिली हैं, जो यह साबित कर रही हैं कि इस अस्पताल से भारी संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हुई थी।दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में एसआइटी दो आरोपितों के विरुद्ध 26 जून 2021 को चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इन आरोपितों में राजीव कुमार सिंह व सृष्टि अस्पताल के कर्मी मनीष कुमार सिन्हा शामिल हैं। दाखिल चार्जशीट के अनुसार सृष्टि अस्पताल में भर्ती मरीज के नाम पर छह रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित की गई थी। इन मरीजों को इंजेक्शन नहीं देकर सृष्टि अस्पताल के कर्मी मनीष कुमार सिन्हा ने उक्त इंजेक्शन अरगोड़ा के एक दवा दुकान मेडिसिन प्वाइंट को दे दिया। मेडिसिन प्वाइंट से ही राजीव कुमार सिंह ने इंजेक्शन लेकर उसकी कालाबाजारी की थी।रिम्स में भी इंजेक्शन की कालाबाजारी

एसआइटी ने जांच में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि पूर्व में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स से भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हुई है। मरीज के नाम पर आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन की हेराफेरी के मामले में रिम्स प्रबंधन ने रांची के बरियातू थाने में अलग से एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई है, जिसकी रांची पुलिस जांच कर रही है। एसआइटी भी इस मामले में अलग से छानबीन कर रही है।ईडी भी कर रहा है पूरे मामले की जांचरेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में ईडी ने भी कुछ दिन पहले ही मनी लांड्रिंग अधिनियम में केस दर्ज कर जांच शुरू किया है। ईडी ने अपने केस में राजीव कुमार सिंह व मनीष कुमार सिन्हा व अन्य को आरोपित बनाया है। ईडी ने एसआइटी की चार्जशीट, रांची के कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाते हुए केस दर्ज की है।

इस साल एक वायल भी रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। फरवरी महीने में 2138 इंजेक्शन एक्सपायर हो जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है।विनोद कुमार, सिविल सर्जन, रांची

Posted By: Inextlive