- परिवार के 5 लोगों की आत्महत्या का मामला पेंडिंग फाइल में

- खुद को 14 बार चाकू से मारने वाला बचा जिंदा

- एक हत्याकांड जिसने दहला था दिया था पूरे शहर को

- कांड की आरोपी मधुमिता और एक एनजीओ संचालिका गिताली चन्द्रा की होनी है जांच

आठ अक्तूबर 2016कोकर के रिवर्सा अपार्टमेंट में एक ही परिवार के 5 लोगों ने खुद को जहरीला इंजेक्शन देकर मौत को गले लगा लिया लेकिन छठे शख्स ने जो कि खुद एक डॉक्टर था उसने जहरीला इंजेक्शन नहीं लिया बल्कि खुद को 14 बार चाकू से गोद लिया। इसके बावजूद उसकी जान बच गयी। वह अस्पताल गया वहां से डिस्चार्ज भी हो गया और अब इस दुनिया में भी नहीं रहा। लेकिन यह जघन्य कांड आज भी पुलिस फाइलों में पेंडिंग है। इस केस में पुलिस ने मधुमिता पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था जो पिछले चार साल से फाइलों में ही धूल फांक रहा है। जब पूरी रांची दुर्गापूजा के उल्लास में डूबी थी, तब इस खबर ने सबको सन्न कर दिया था लेकिन इसके बावजूद इस कांड का खुलासा नहीं हो सका। जो भी इस कांड के लिए जिम्मेदार है वह आज भी जेल की सलाखों से बाहर है।

घटना के दौरान एकमात्र जीवित शख्स का बयान

रांची के कोकर इलाके के रिवर्सा अपार्टमेंट में एकमात्र जिंदा वृद्ध घायलावस्था में मिले डॉ सुकांतो सरकार ने अस्पताल में पुलिस को अपना बयान दिया। उन्होंने पुलिस को बताया था कि मेरी पत्‍‌नी अंजना सरकार ने आपसी सहमति से पुत्र समीर सरकार व भतीजे की पत्‍‌नी मोमिता को नींद का इंजेक्शन दिया। फिर खुद को भी इंजेक्शन लगा कर आत्महत्या कर ली। इससे पहले, मोमिता ने अपनी बेटी सुमिता और समीर ने अपनी बेटी सनिता को नींद का इंजेक्शन दिया था। इंजेक्शन के जरिये दवा की अधिक मात्रा लेने से ही सभी की मौत हो गयी थी। डॉ सुकांतो ने पुलिस को बताया था कि उनके बेटे समीर की पत्‍‌नी और घर की बहू मधुमिता परिवार के सभी सदस्यों को तंग करती थी। इससे सभी लोग मानसिक रूप से परेशान थे।

एक ऐसा बयान जिसमे थे कई छेद

सुकांतो ने पुलिस को बताया था कि मधुमिता परिवार के सदस्यों पर गलत आरोप लगा कर झूठे केस में फंसाने की धमकी देती थी। इसलिए मेरी पत्‍‌नी, पुत्र और मोमिता ने सामूहिक रूप से आत्महत्या करने का निर्णय लिया था। तीनों की मौत हो जाने के बाद दोनों बच्चों की देखभाल करनेवाला कोई नहीं रहता। इसलिए दोनों ने अपने-अपने बच्चे को इंजेक्शन देकर मारने का निर्णय लिया था। मरने के पहले मेरी पत्‍‌नी, पुत्र और मोमिता ने सुसाइडल नोट लिखा था।

विरोध तो किया पर फैसला नहीं बदला

डॉ सुकांतो ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने परिवार के लोगों के निर्णय का विरोध किया था। पर उनका निर्णय नहीं बदल सका। मेरे सामने नींद का इंजेक्शन लेने के बाद सभी सो गये। सबकुछ आठ अक्तूबर की रात ही हुआ था। जब देर रात देखा कि सभी की मौत हो चुकी है, तब मैंने सोचा कि अकेले जीवित रह कर क्या करूंगा। इसलिए मैंने भी आत्महत्या करने का निर्णय लिया। चाकू से शरीर के विभिन्न स्थानों पर हमला करने के बाद नस काट लिया। पुलिस ने डॉ सुकांतो से कई अन्य सवाल भी पूछे। लेकिन कई सवालों के जवाब डॉ सुकांतो पुलिस को ठीक तरह से नहीं दे सके थे।

2017 के बाद जांच हो गयी सुस्त

विदित हो कि कांड के सुपरविजन के बाद वरीय अधिकारियों ने इस मामले में एक एनजीओ संचालिका गिताली चन्द्रा और मृतक समीर सरकार की पत्‍‌नी मधुमिता से पूछताछ करने के निर्देश जारी किए थे। लेकिन आज 3 साल से शहर को दहला देने वाले कांड के इस फ़ाइल पर धूल जमती ही जा रही है। फिलहाल पुलिस के पास मधुमिता का कोई सुराग नहीं है, जिसके कारण पूछताछ नहीं हो सकी है।

Posted By: Inextlive