ब्लैक स्पॉट व हादसों वाले स्थान पर बनाया जाएगा स्पीड ब्रेकर. सड़क सुरक्षा मानकों के तहत सेफ्टी पर होंगे काम. साइन बोर्ड ब्लिंकर समेत अन्य उपकरणों से हादसों को रोकने की पहल.


रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची और आसपास में हो रहे लगातार रोड एक्सीडेंट से सड़क सुरक्षा समिति भी चिंतित है। रोड एक्सीडेंट को कैसे कम किया जाए इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में समिति ने ब्लैक स्पॉट और हादसों वाले स्थान पर लुकिंग मिरर लगाने का निर्णय लिया है। लुकिंग मिरर की मदद से पीछे से आ रहे वाहनों पर भी नजर रखी जा सकेगी, जिससे हादसों को कम किया जा सकेगा। इसके अलावा सभी डायवर्सन को सुरक्षा मानकों के अनुरूप दुरुस्त करने का भी निर्णय समिति की ओर से लिया गया है। इसके अलावा रोड एक्सीडेंट कंट्रोल करने के लिए जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे। इसके लिए स्थान चिन्हित कर स्पीड ब्रेकर बनाने का काम किया जाएगा। काठीटांड़, ब्रांबे में ब्लिंकर


दलादली चौक के आस-पास लगातार दुर्घटनाओं की शिकायत आ रही है। सड़क खाली होने की वजह से लोग स्पीड में इस स्थान से निकलने का प्रयास करते हैं, जिस कारण दलादली की ओर से आ रहे वाहनों के टकराने की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए यहां पर स्पीड ब्रेकर बनाया जाएगा। इसके अलावा कुछ स्थानों जैसे काठीटांड़, ब्रांबे में ब्लिंकर लगाए जाएंगे। दरअसल रात के अंधेरे में कई बार सड़क का पता नहीं चल पाता है, ब्लिकंर होने से मुडऩे में मदद मिलेगी। सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष डीसी राहुल सिन्हा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इधर, पिठोरिया थाना से लेकर पतरातू रोड के बीच साइनेज बोर्ड लगाने का भी निर्देश दिया गया है। तमाम प्रयास रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए किए जा रहे हैं। लेकिन फिर भी जबतक आम लोगों में ड्राइविंग को लेकर अवेयरनेस नहीं आएगी, तब तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी आना मुश्किल है। हर साल सैकड़ों लोग शिकार

रांची और आसपास की सड़कों पर हर साल सैकड़ों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इन हादसों में ज्यादातर दुर्घटनाओं की वजह तेज रफ्तार में वाहन चलाना है। रफ्तार का कहर लोगों पर मौत बनकर बरप रहा है। रांची में अमूमन हर महीने 35 लोगों की जान सड़क हादसों में जा रही है। हर साल 600 रोड एक्सीडेंट रांची और आसपास की सड़कों पर हो रहे हैं। इसमें करीब 400 लोग अपनी जान गवां रहे हैं। रोड सेफ्टी की टीम एक्सीडेंट स्थल को चिन्हित कर साइन बोर्ड, रिंबल स्ट्रीप आदि भी लगवा रही है, फिर भी सड़क हादसों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। अधिकतर सड़क हादसों का कारण तेज गति से वाहन चलाना, नशे में वाहन चलाना और लापरवाही की बात सामने आती है। इस संबंध में डीसी ने तेज गति से वाहन चलाने वालों की जांच और उनपर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। ब्लैक स्पॉट चिन्हित होंगे

शहर में कई ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं, जहां तीखे मोड़, सड़क की अलाइनमेंट और डायरेक्ट कनेक्ंिटग की वजह से हादसे हो रहे हैं। इनमें एटीआई मोड़, बूटी मोड़ के समीप एक निजी अस्पताल के सामने, डीपीएस चौक, नेपाल हाउस मोड़ के पास तीखे मोड़ हैं, जहां हर वक्त हादसों का डर बना रहता है। इन स्थानों पर सावधानी संबंधी कोई साइनेज बोर्ड भी नहीं लगा है। पथ निर्माण विभाग ने अब तक ब्लैक स्पॉट को चिन्हित भी नहीं किया है। बड़े वाहन चालक भी लापरवाही करते दिख रहे हैं। वाहन चालकों को अपनी गाड़ी में स्पीड कंट्रोल किट लगाने को कहा गया है। लेकिन पुलिस से बचने के लिए लोकल डिवाइस लगा लेते हैं, जिनसे किसी तरह का स्पीड कंट्रोल नहीं हो पाता। कई वाहनों में स्पीड कंट्रोल उपकरण तो लगाए गए हैं, लेकिन अच्छी क्वालिटी का नहीं होने की वजह से ये कारगर नहीं हैं।

रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए कमिटी लगातार प्रयासरत है। पहले भी कई निर्णय लिए गए। लोगों से भी इसमें सहयोग की अपील है। तेज रफ्तार में और ड्रिंक करके गाड़ी न चलाएं। -राहुल सिन्हा, डीसी रांची

Posted By: Inextlive