रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ। रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने गलत जानकारी देने पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति व रजिस्ट्रार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने पूछा कि उन्होंने अदालत को गलत जानकारी क्यों दी। कुलपति (वाइस चांसलर) व रजिस्ट्रार ने अदालत से माफी मांग ली, जिसके बाद अदालत ने उन्हें माफ करते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

प्रतिनियुक्ति के बाद वापस आए

दरअसल, डॉ। कुमरेश कुमार ने प्रतिनियुक्ति पर दूसरे विश्वविद्यालय में योगदान दिया था। प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद वे वापस आए और रांची विश्वविद्यालय में अपने पद पर योगदान दिया, लेकिन विश्वविद्यालय ने उनके योगदान को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद डॉ। कुमरेश कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने विश्वविद्यालय को उनका योगदान स्वीकृत करने का आदेश दिया। रांची विश्वविद्यालय ने एकलपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ में याचिका दाखिल की।

उस पद पर हो चुकी थी नियुक्ति

पिछली सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय ने बताया था कि उस पद पर नियुक्ति हो गई है। इसके बाद अदालत ने नियुक्ति का पूरा ब्यौरा मांगा। तब पता चला कि विश्वविद्यालय की ओर से गलत जानकारी दी गई है। इसके बाद अदालत ने उन्हें सशरीर हाजिर होने का आदेश दिया था। इसी के तहत दोनों पदाधिकारी अदालत में हाजिर हुए थे। दरअसल, डॉ। कुमरेश कुमार ने प्रतिनियुक्ति पर दूसरे विश्वविद्यालय में योगदान दिया था। प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद वे वापस आए और रांची विश्वविद्यालय में अपने पद पर योगदान दिया, लेकिन विश्वविद्यालय ने उनके योगदान को स्वीकार नहीं किया।

Posted By: Inextlive