हाई कोर्ट ने कहा- सीबीआइ जल्द शुरू करे जांच

रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने दाखिल की थी याचिका

रांची: साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की सीबीआइ जांच होगी। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सीबीआइ को अविलंब केस लेकर जांच करने का निर्देश दिया है। रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल रूपा तिर्की की हत्या की आशंका जताते हुए इसकी सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया था। मंगलवार को अदालत ने इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को अदालत ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए।

तीन मई को मौत

रूपा तिर्की की मौत तीन मई को हुई थी। उनका शव सरकारी आवास में फंदे में झूलता मिला था। जस्टिस एसके द्विवेदी ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में प्रथम द्रष्टया कई मामले संदेहास्पद पाए गए हैं। रूपा तिर्की की मौत के बाद उनका बिसरा भी सुरक्षित नहीं रखा गया है। प्रार्थी ने उनके शरीर पर पांच स्थानों पर जख्म होने की बात कही है। इस संबंध में प्रार्थी की ओर से दस्तावेज भी पेश किए गए हैं। रूपा के स्वजनों पर राजनीतिक दबाव भी बनाया गया है। इस मामले में सत्ता के कई करीबी लोगों के नाम भी सामने आए हैं। इसके पक्ष में फोन काल के डिटेल भी दिए गए हैं। रूपा के परिजनों को प्रलोभन भी दिया गया।

कई गड़बड़ी सामने

अदालत में इस मामले में पेश किए गए दस्तावेजों को देखने के बाद भी कई गड़बड़ी सामने आ रही है। ऐसे में यह मामला सीबीआइ जांच के लिए पूरी तरह से फिट है। इस कारण निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआइ जांच का आदेश दिया जाता है। सीबीआइ को इस मामले की जांच अविलंब शुरू करनी चाहिए। हालांकि अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि इस में मामले में सरकार की ओर से गठित एक सदस्यीय जांच आयोग सुनवाई करता रहेगा। इस आयोग को रद करने के लिए दाखिल याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। रूपा तिर्की की मौत की सीबीआइ जांच के लिए कुछ हस्तक्षेप याचिकाएं भी अदालत में दाखिल की गयी थीं। लेकिन अदालत ने सभी को खारिज कर दिया और कहा कि सभी हस्तक्षेप याचिकाएं तथ्यों से परे हैं। कुछ राजनीतिक उद्देश्य से भी दाखिल की गई थीं। इस कारण सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं।

पिता को पुलिस पर भरोसा नहीं

रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने ने मौत के बाद से ही पुलिस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अदालत को बताया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि रूपा तिर्की की मौत से पहले उसके शरीर पर जख्म के निशान थे। उनकी बेटी की मौत के बाद जिस परिस्थिति में शव मिला था, उससे प्रतीत होता है कि वह आत्महत्या नहीं है। अदालत को बताया गया कि साहिबगंज में पंकज मिश्रा नामक एक राजनीतिक रसूख वाल व्यक्ति संदेह के घेरे में है। रूपा की मौत के बाद एसआइटी हेड डीएसपी से पंकज मिश्रा की कई बार बात हुई है। पूर्व में अदालत में पंकज मिश्रा का काल डिटेल पेश करते हुए कहा गया कि एसपी, डीसी और डीएसपी से उसकी लगातार बात हुई है। अदालत को बताया गया कि रूपा तिर्की कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रही थी। इस कारण उनकी हत्या की साजिश रची गई और इसमें पंकज मिश्रा और कुछ पुलिस वाले शामिल हैं।

Posted By: Inextlive