जेएसएमडीसी ने जारी किया नंबर पर नहीं उठ रहा फोन. सिटी में बालू की कीमत पहुंची आसमान पर. 70 हजार रुपए हुई एक हाईवा बालू की कीमत. एनजीटी के आदेश से बालू के उठाव पर लगी है रोक


रांची (ब्यूरो)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से रांची समेत राज्य भर में बालू घाटों से बालू के उठाव पर रोक लगी हुई है। बालू के उठाव पर यह रोक 10 जून से 15 अक्टूबर तक है। प्रतिबंध की अवधि में बालू की किल्लत दूर करने के लिए जेएसएमडीसी (झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) ने बालू घाटों पर स्टॉक बालू की बुकिंग कराने के लिए विभिन्न घाटों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया था, डीजे आईनेक्स्ट ने रांची के लिए दिए गए फोन नंबर-0651 2490767 पर कॉल करके रियलिटी चेक किया, लेकिन किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किया।नहीं हुई बंदोबस्ती
घाटों से बालू के उठाव के लिए अलावा बालू की बंदोबस्ती पर भी 15 जुलाई तक रोक लगा दी गई है। समय के अभाव में स्टॉकिस्ट घाटों से बालू का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं कर सके। ऐसे में बरसात में बालू की और अधिक किल्लत होने की आशंका है। बाजार में बालू की कमी का लाभ कालाबाजारी और बिचौलिये उठाएंगे। एमडीओ को अधिकार नहीं


राज्य में पिछले चार वर्षों से केवल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाकर एमडीओ (माइन डेवलपर ऑपरेटर) की नियुक्ति की गई है, लेकिन एमडीओ किस बालू घाट से बालू निकालेगा, यह अभी तय ही नहीं किया गया है। जिलों को वित्तीय निविदा निकाल कर एमडीओ को बालू घाट देना है। इसी वजह से घाटों से बालू का उठाव नहीं हुआ। किल्लत की ये वजह भी राज्य में 10 जून से पूर्व केवल 17 घाटों से ही वैध रूप से बालू का उठाव किया गया। जेएसएमडीसी के चतरा के 4, सरायकेला-खसावां के 1, कोडरमा के 2, दुमका के 2, देवघर के 5, हजारीबाग के 1, खूंटी के 2 और गुमला के 1 बालू घाट ऐसे हैं, जहां एमडीओ नियुक्त हैं। सैकड़ों निर्माण कार्य ठप

बालू के उठाव पर रोक लगने से सिटी में ही लगभग 200 विभिन्न निर्माण से जुड़ी योजनाओं का काम ठप हो गया है। बालू के चलते निजी घरों का निर्माण भी नहीं हो पा रहा है। लोग 7 हजार रुपए में एक टेंपो और 70 हजार रुपए में एक हाईवा बालू खरीद रहे हैं। पूर्व में एक हाईवा बालू की कीमत महज 15 हजार रुपए थी। वहीं, बालू नहीं मिलने से सीमेंट और छड़ की कीमतों में 50-60 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। साथ ही स्टील टाइल्स, सेनेटरी वेयर का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है।

राज्य में बालू की किल्लत से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और सैकड़ों निर्माण कार्य बंद हो गए हैं। स्मार्ट सिटी का भी काम बंद कर दिया गया है। हमारे पड़ोसी राज्यों में बालू पर्याप्त मात्रा में है। इसलिए राज्य सरकार यहां के स्टॉकिस्टों को दूसरे राज्यों से बालू की आपूर्ति करने की अनुमति दे।-धीरज तनेजा, अध्यक्ष, एफजेसीसीआई

Posted By: Inextlive