एसटी के बाद अब एससी पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग के भी मेधावी बच्चे भेजे जाएंगे विदेश. झारखंड सरकार ने ब्रिटिश उच्चायोग नई दिल्ली के साथ 3 साल का साझा एमओयू किया.


रांची (ब्यूरो)। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी राज्य के युवाओं को विदेश उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ब्रिटिश हाई कमीशन के साथ कोई साझा पहल की जा रही हो। झारखण्ड के अनुसुचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को झारखण्ड सरकार एवं ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा शेवनिंग-मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप दी जाएगी। इस संबंध में राज्य सरकार और विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली के साथ 3 साल का साझा एमओयू किया जाएगा। 25 जून तक करें अप्लाई
इससे पूर्व भी झारखंड सरकार द्वारा मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप योजना के जरिए यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्थेन आयरलैंड के चयनित संस्थानों / यूनिवर्सिटीज के चयनित कोर्स में अध्ययन हेतु वित्तीय सहायता दी जा रही है। अब अन्य वर्गों यथा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिभाशाली युवा भी स्कॉलरशिप योजना से लाभान्वित होंगे। झारखंड से इच्छुक युवा ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 25 जून है।वंचित वर्ग के युवा पढ़ेंगे विदेश में


स्कॉलरशिप योजना के तहत सितंबर 2021 में चयनित सात छात्र/छात्राएं जब उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे थे, तभी सीएम हेमन्त सोरेन ने कहा था कि जल्द ही सभी वंचित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को भी अनुसूचित जनजाति के युवाओं के साथ उच्च शिक्षा का अवसर दिया जाएगा। सीएम के प्रयास से ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा अधिकतम पांच छात्र/ छात्राओं को स्कॉलरशिप देने के लिए मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप योजना के साथ साझेदारी करते हुए शेवनिंग-मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप योजना शुरू की गई। 10 बढ़कर संख्या हुई 25

विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करना किसी परिकल्पना से कम नहीं है। लेकिन इस परिकल्पना ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में मूर्त रूप लिया है। पूरे देश में ऐसी योजना नहीं है। जिसके तहत देश के वंचित वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश स्थित शिक्षण संस्थानों में भेजने की व्यवस्था हो। वो भी शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप पर। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार ने ऐसा कर दिखाया है। पहले अधिकतम 10 छात्र/ छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही थी, लेकिन अब अधिकतम 25 छात्र/ छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाएगी। झारखंड के अनुसूचित जनजाति के अधिकतम 10, अनुसूचित जाति के अधिकतम 5, अल्पसंख्यक के अधिकतम 3 एवं पिछड़ा वर्ग के अधिकतम 7 प्रतिभावान छात्र/छात्राओं को चयनित कर हर वर्ष विदेश स्थित अग्रणी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के चयनित कोर्स में उच्च स्तरीय शिक्षा यथा मास्टर्स / एमफिल हेतु स्कॉलरशिप दी जाएगी। साथ ही स्कॉलरशिप योजना के अंतर्गत विषयों को भी 22 से बढ़ाकर 31 किया गया है।

Posted By: Inextlive