रांची: कोरोना महामारी के कारण झारखंड के स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दूसरे प्रदेशों या देशों में नहीं जा रहे हैं। ये अपने स्टेट के कॉलेजों में ही एडमिशन लेना चाहते हैं और रांची यूनिवर्सिटी में एडमिशन का दौर जारी है। ऐसे में रांची यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में स्टूडेंट्स की अपेक्षा सीटों की संख्या कम पड़ गई है, लेकिन यूनिवर्सिटी ने कॉलेज और स्टूडेंट्स की डिमांड को देखते हुए सीटें बढ़ाने को लेकर निर्णय लिया है। इसे लेकर वीसी रमेश कुमार पांडे, प्रोवीसी कामिनी कुमार और यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों ने विभिन्न कॉलेजों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की है। कॉलेजों को कितनी सीटें चाहिए, इस विषय को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा हुई है।

अधिसूचना जल्द

रांची के विभिन्न कॉलेजों के साथ रांची यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के लिए सीटें बढ़ाने को लेकर निर्देश जारी किया गया है। डीएसडब्ल्यू पीके वर्मा की मानें तो स्टूडेंट्स की डिमांड और कॉलेजों की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद यूनिवर्सिटी ने निर्णय ले लिया है। इससे जुड़ी अधिसूचना भी जल्द जारी कर दी जाएगी।

इन कॉलेजों में बढ़ेंगी सीट

रांची यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले 11 एफिलिएटेड कॉलेजों की सीटें बढ़ाई जा रही हैं। इनमें मुख्य तौर पर रांची वीमेंस कॉलेज रांची, बीएस कॉलेज लोहरदगा, जेएन कॉलेज धुर्वा, डोरंडा कॉलेज रांची और पीपीके कॉलेज की सीटें ज्यादा बढ़ाने पर विचार किया गया है। यूनिवर्सिटी की कुलपति की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। इसे लेकर यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू पीके वर्मा ने अपने स्तर पर सीटें बढ़ाने को लेकर फाइल विभिन्न कॉलेजों और संबंधित अधिकारियों को भेज दी है।

एडमिशन को लेकर भागदौड़

जैक बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई 12वीं व दसवीं बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट जारी होने के बाद से ही एडमिशन को लेकर सूबे में भाग-दौड़ शुरू हो गई थी। अमूमन हर साल जैक के अलावा सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स भी अन्य राज्यों में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए जाते हैं, लेकिन इस बार हालात कुछ और ही है। एडमिशन चांसलर पोर्टल के जरिए ऑनलाइन लिये जा रहे हैं और पिछले साल की तुलना में इस साल रांची यूनिवर्सिटी समेत राज्य की विभिन्न यूनिवर्सिटीज में एडमिशन को लेकर होड़ मची हुई है। इस परेशानी को दूर करने के उद्देश्य से ही आरयू की ओर से सीटें बढ़ाई जा रही हैं।

Posted By: Inextlive