डीएसपीएमयू में आजादी का अमृत महोत्सव व्याख्यानमाला सीरिज के तहत सेमिनार. एक्सपट्र्स ने युवा को नशा का आदी होने से बचने के बताए उपाय.


रांची(ब्यूरो)। आजकल का युवा वर्ग नेगेटिव पीयर प्रेशर का शिकार हो रहा है, जिसकी वजह से विभिन्न प्रकार के सब्सटेंस जैसे अल्कोहल, सिगरेट, भांग, गांजा, बीड़ी जैसे हानिकारक पदार्थों का सेवन बढ़-चढ़कर कर रहे हैं। बुरी चीजों के लिए ना नहीं कह पाने की आत्मशक्ति की कमी उनके विनाश का कारण बन रही है। ये बातें डॉ अनुराधा पालटा ने कहीं। शनिवार को वह डीएसपीएमयू सभागार में आजादी का अमृत महोत्सव व्याख्यानमाला सीरीज के अंतगर्त सेमिनार को बतौर चीफ स्पोक्सपर्सन संबोधित कर रही थीं। सेमिनार का आयोजन यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ईएलएलए राजनीति विज्ञान और अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। उन्होंने कहा कि युवा देश के फ्यूचर होते हैं और देश का फ्यूचर तभी उज्ज्वल होगा, जब देश के युवा तन और मन, दोनों स्तर से फिट रहेंगे।हेल्थ इज वेल्थ
फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ साइकोलॉजिकल हेल्थ भी बहुत जरूरी है, जिस पर सब्सटेंस के अत्यधिक प्रयोग के कारण काफी बुरा असर पड़ रहा है। शुरू में मानसिक सुख के लिए आप मादक पदार्थों पर अपनी फिजिकल डिपेंडेंसी बनाते हैं। यानी अधिक से अधिक सब्सटेंस का यूज करते हैं। धीरे-धीरे इसका सेवन बढ़ते जाता है और तब ये मादक पदार्थ आपका यूज करने लगते हैं। अच्छी संगति सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।


ऐसे बचें नेगेटिव पियर प्रेशर सेस्टूडेंट्स के सवालों का जवाब देते हुए डॉ पालटा ने कहा कि नेगेटिव पियर प्रेशर से हम अपने आत्म विश्वास की नैया पर सवार होकर बच सकते हैं। अपनी इंडिविजुअलिटी से कोई समझौता नहीं करनी चाहिए। रिजल्ट उतना जरूरी नहीं, जितना हमारा कैरेक्टर जरूरी है। ड्रग अब्यूज से बचने के के लिए उन्होंने किसी की अंध दोस्ती से बचने, गलत चीजों को ना कहना सीखने, खुद को स्पोट्र्स, संगीत, पेंटिग आदि चीजों से जोड़कर रखने और आत्म-सम्मान से समझौता न करने की सलाह दी है। मौके पर यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ नमिता सिंह, डॉ शुचि एस बरवार, डॉ रीना नन्द, डॉ विनोद कुमार, डॉ रामदास उरांव, डॉ रेखा झा, दिव्या प्रिया, कर्मा कुमार, डॉ विनय भरत मौजूद थे।

Posted By: Inextlive