राजधानी के स्लॉटर हाउस को फिर से शुरू कराने में रांची नगर निगम फे ल साबित हुआ है.


रांची (ब्यूरो): 17 करोड़ रुपए की लागत से कांके में बने स्लॉटर हाउस के चालू नहीं होने से रांची के लोगों को हाइजेनिक मीट नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में रांची के लोग असुरक्षित मीट खरीद रहे हैं। इससे लोगों में कई तरह के संक्रमण और बीमारियों का खतरा बना रहता है। क्यों बना था स्लॉटर हाउसरांचीवासियों को हाइजेनिक मीट आसानी से और वाजिब रेट में मिल सके, इसलिए स्लॉटर हाउस बनाया गया था। इसे वर्ष 2018 में बनाया गया था और इसका उदघाटन भी किया गया था। लेकिन कुछ ही दिनों में यह बंद हो गया। स्लॉटर हाउस खुलने से स्थानीय मीट दुकानदारों का रोजगार प्रभावित होने लगा। इसलिए मीट दुकानदार मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गए। फिलहाल यह मामला झारखंड हाइकोर्ट में लंबित है। रेग्युलेशन बनाने का आदेश


झारखंड हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम को स्लॉटर हाउस को लेकर रेग्यूलेशन बनाने का आदेश दिया है। वहीं निगम की हेल्थ ऑफिसर डॉ किरण कुमारी का कहना है कि नगर निगम की ओर से स्लॉटर हाउस का रेग्युलेशन तैयार कर लिया गया है, केवल हाइक ोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। बनाए गए मॉडल शॉप

स्लॉटर हाउस से निकले मीट की बिक्री के लिए रांची में चार मॉडल शॉप खोले गए थे। ये मॉडल शॉप रांची के मधुकम, कांटाटोली, मोरहाबादी और बरियातू में खोले गए थे। इन दुकानों से कुछ दिनों तक लोगों को हाइजेनिक मीट मिला, लेकिन फिर इन शॉप्स को बंद कर दिया गया। मीट प्रोसेसिंग की व्यवस्थास्लॉटर हाउस में मीट की प्रोसेसिंग की व्यवस्था है। स्लॉटर हाउस से मीट एसी वैन के जरिए शॉप तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। यहां जानवरों के वध के पूर्व बकायदा डॉक्टरों द्वारा उनके हेल्थ की जांच की व्यवस्था की गई है। इसके बाद बकरे को काटने का प्रावधान है। यहां रोज एक हजार बकरे और भेड़ को काटने की व्यवस्था है। साथ ही स्लॉटर हाउस में बकरे को हलाल की भी सुविधा है। कैसे हुई थी पहलयूपी की योगी सरकार से प्रेरित होकर पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने पत्र लिखकर सभी डीसी, एसएसपी, एसपी, नगरपालिका, नगर निगम और नोटिफाइड एरिया के अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आदेश दिया था। इसके बाद सभी बूचड़खानों को बंद कर दिया गया। इसके बाद स्थानीय मीट दुकानदार इस फैसला का विरोध करने लगे और इस आदेश के खिलाफ झारखंड हाइकोर्ट चले गये, जहां हाइकोर्ट ने नगर निगम को इसे लेकर रेग्युलेशन बनाने का आदेश दिया।

झारखंड हाइकोर्ट का आदेश आने के बाद स्लॉटर हाउस फिर से खोल दिया जाएगा। हाइकोर्ट के आदेश पर हमलोगों ने स्लॉटर हाउस से संबंधित रेग्युलेशन तैयार कर लिया है। केवल अदालत के आदेश का इंतजार है। डॉ किरण कुमारी, हेल्थ ऑफिसर, रांची नगर निगम

Posted By: Inextlive