--रात को पहले बिजल कटी, फिर ऑक्सीजन का प्रेशर घटा

- परिजनों का दावा रात में अव्यवस्था के कारण ज्यादा हुई मौतें, प्रशासन ने किया इन्कार

- सिविल सर्जन ने कहा, ऑक्सीजन को लेकर परिजनों के बीच मचने वाली होड़ से बढ़ी परेशानी

- अस्पताल में विशेष प्रतिनियुक्ति पर भेजी गईं अधिकारी गरिमा सिंह ने कहा, प्लांट में आई परेशानी

रांची : रांची में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच अस्पतालों में अव्यवस्था का आलम बरकरार है। कोविड स्पेशल घोषित किए गए सदर अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 16 लोगों की मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कहा गया कि गंभीर रूप से बीमार होने के कारण लोग मरे। परिजनों का आरोप है कि रात ढाई बजे के करीब अस्पताल में भर्ती मरीजों का आक्सीजन प्रेशर कम होने लगा। इस कारण बीमार लोगों की मौत हुई। शुक्रवार को पलामू से आए ओमप्रकाश सिंह ने रात की पूरी कहानी मीडिया के सामने बयां की। कहा कि रात को आक्सीजन लेबल कम होने पर मरीजों के परिजन परेशान होकर कंट्रोल रूम गए। वहां कोई नहीं थी। डाक्टर व नर्स तक नहीं थे। अस्पताल में मौजूद एक शख्स ने बताया कि अब सिलेंडर में एक से डेढ़ घंटे की ही गैस बची हुई है। इसी बीच एक-एक कर लोग मरते रहे। इससे पहले रात करीब साढ़े ग्यारह बजे से बारह बजे के बीच दो बार बिजली की सप्लाई बाधित हुई। इस दौरान भी लोगों की मौतें हुईं।

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विशेष प्रतिनियुक्त पदाधिकारी ने कहा, प्लांट में समस्या होने के कारण आक्सीजन सप्लाई में हुई देरी

सदर अस्पताल में आक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत होने के सवाल पर विशेष प्रतिनियुक्त पदाधिकारी गरीमा सिंह ने कहा कि छोटानागपुर के प्लांट में तकनीकी दिक्कत के कारण सिलेंडर का रिफिल होने में कुछ देरी हुई। लोगों की मौत के कारण पर उन्होंने कहा कि कोविड के कारण लोगों की मौत हो रही है। उनकी जानकारी में गुरुवार की शिफ्ट के 16 लोगों की मौत हुई। आक्सीजन की कमी को इसका कारण बताना उचित नहीं है। रांची जिला प्रशासन की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

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25 को कराया था भर्ती

ओमप्रकाश ने गत 25 अप्रैल को अपने पिता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था। शुक्रवार को उनकी भी मौत हो गई। ओमप्रकाश ने दो दर्जनों लोगों की अनुमानित मौत होने दावा किया। यह जोड़ा कि जिस वार्ड में उनके पिता भर्ती थे। वहां 10 से 12 लोगों की मौत हुई। परिजनों के आरोप के बारे में सिविल सर्जन रांची डा विनोद कुमार ने कहा कि रात के समय आक्सीजन को लेकर थोड़ी अफरा-तफरी मची थी। आक्सीजन की उपलब्धता लेकर परिजनों के बीच मचने वाली होड़ के कारण यह परिस्थिति पैदा हुई। कुछ लोग अपने मरीजों के लिए जरूरत से ज्यादा सिलेंडर एकत्र करने लगे। उन्होंने इस बात को खारिज किया कि आक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि हर दिन सामान्य रूप से 10 से पंद्रह लोगों की मौतें हो रही है। गंभीर स्थिति में मरीज भर्ती के लिए आते हैं। इस कारण कई बार उन्हें बचना मुश्किल होता है। कल रात 10 से 12 लोगों की मौत हुई। हालांकि उन्होंने रात को बिजली की समस्या होने की बात स्वीकार की। वहीं यह भी कहा कि मरीजों की जरूरत के अनुसार अस्पताल में वेंटिलेटर बेड की सुविधा नहीं है। इस लिए वह चाह कर भी छह से सात लोगों को ही वेंटिलेटर दे पाते हैं। तकनीकी सिस्टम इससे अधिक मरीजों का लोड नहीं ले पाता।

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Posted By: Inextlive