रांची: रांची सहित पूरे राज्य के स्ट्रीट वेंडर्स जो सड़क किनारे अपनी दुकान लगाकर जीविकोपार्जन करते हैं उनको केंद्र सरकार की ओर से 10 हजार रुपये का लोन दिया गया है। पूरे राज्य में करीब 10 हजार लोगों को लोन उपलब्ध करा दिया गया है। यह लोन 6 महीने से बंद पड़े व्यवसाय को फिर से शुरू करने के लिए दिया गया है। पीएम स्ट्रीट वेंडर्स निधि योजना झारखंड के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वरदान साबित हो रही है। झारखण्ड में इस योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर नगरीय प्रशासन निदेशालय की निदेशक विजया जाधव के नेतृत्व में राज्य, बैंकर्स एवं नगर निकायों की पूरी टीम अथक प्रयास कर रही है

30 हजार वेंडर्स चिन्हित

सर्वे कराकर अब तक 30,518 स्ट्रीट वेंडर्स को चिन्हित कर लिया गया है। इसमें से 18,017 वेंडर्स ने इस योजना के तहत लोन लेने की इच्छा जताई थी, जिसके तहत 10,810 फूटपाथ विक्रेताओं के लोन स्वीकृत किए गए हैं। इनमें रांची के 1451, धनबाद के 1850 और जमशेदपुर के 935 वेंडर्स शामिल हैं। आवेदनों को बिभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में 5,224 स्ट्रीट वेंडर्स ने दस हजार रुपए राशि प्राप्त होने के बाद अपने व्यवसाय को फिर से शुरू कर अपने परिवार की जीविका चला रहे हैं।

बिहार, छत्तीसगढ़, यूपी से आगे झारखंड

नगरीय प्रशासन निदेशक विजय राज यादव ने बताया कि राज्य स्वनिधि योजना के तहत लोन स्वीकृत करने एवं स्ट्रीट वेंडर्स के खाते में लोन की राशि हस्तांतरित करने में झारखंड राष्ट्रीय स्तर पर पांचवें स्थान पर है। छतीसगढ़, ओडि़सा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश जैसे राज्यों से आगे है। इस योजना से झारखंड के अधिक से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स लाभान्वित हों। निकायों एवं बैंकों के साथ लगातार इसकी समीक्षा की जा रही है, जो वेंडर्स सर्वे में छूट गए हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। बशर्ते उन्हें कुछ कागजी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी। उम्मीद है इस योजना के लाभार्थी इस वैश्रि्वक महामारी से उबर कर अपने को आत्मनिर्भर बनाने में कामयाब होंगे।

क्या है योजना

केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन में ढील के बाद फुटपाथ दुकानदारों को अपनी आजीविका व रोजगार दोबारा शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी अधिकतम दस हजार उपलब्ध कराने के लिए किफायती दर पर लोन मुहैया कराने को लेकर ये योजना शुरू की है। इसमें लाभुक अगर नियमित अदायगी करता है तो उसके लोन पर लगनेवाले ब्याज में सात प्रतिशत सब्सिडी सरकार देगी। अर्थात अगर किसी लाभुक का लोन नौ प्रतिशत ब्याज पर लिया गया है तो उसे दो प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा। इसके लिए आवेदन प्रज्ञा केंद्र, स्वयं या निकाय कार्यालय के माध्यम से किया जा सकता है।

इनको मिलेगा लोन

यदि 24 मार्च 2020 तक या उससे पहले कोई व्यक्ति शहर में फेरी लगाकर या फूटपाथ पर बैठकर कार्य कर रहा था, तो वो इस योजना का लाभ ले सकता है। अस्थायी स्टॉल लगाकर कार्य कर रहे वेंडर्स को भी इसके लिए योग्य माना जाएगा।

क्या होगी योग्यता

-निकाय द्वारा आयोजित सर्वेक्षण सूची में वेंडर का नाम होना चाहिए या

-किसी फुटपाथ दुकानदार संघ का सदस्य होना चाहिए और सदस्यता का प्रमाण पहचान पत्र होना चाहिए।

-अगर अभ्यर्थी उपरोक्त दोनों सूची में से किसी में निबंधित नहीं है तो वो आवेदन के साथ स्थानीय नगर निकाय से संपर्क कर आग्रह कर सकता है।

ये संस्थाएं दिलाएंगी लोन

अनुसूचित वाणिच्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, सूक्ष्म वित्त संस्थाएं, एसएचजी बैंक इत्यादि लोन उपलब्ध कराने में नगर निकाय की मदद करेंगे।

Posted By: Inextlive