मोबाइल में दामिनी ऐप डाउनलोड करना होगा संवेदनशील इलाकों की कराई जा रही मैपिंग. 40 किमी एरिया में गिरने वाली है आकाशीय बिजली की मिलेगी सूचना. रांची के नामकुम व पिठोरिया में हर साल वज्रपात से जान-माल का भारी नुकसान.


रांची (ब्यूरो)। एक घंटा पहले आएगा अलर्ट, 40 किमी एरिया में कहां गिरने वाली है आकाशीय बिजली। जी हां, भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग ने दामिनी ऐप तैयार किया है, जिसे फोन में डाउनलोड कर पहले से ही वज्रपात की सूचना प्राप्त की जा सकेगी। कहां कितने बजे ठनका गिरेगा। यह ऐप 40 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में 1 घंटा पहले ही वज्रपात को लेकर आपको अलर्ट कर देगा।नामकुम, पिठोरिया में खतरा
बता दें कि रांची के आसपास नामकुम पिठोरिया में हर साल वज्रपात से लोगों को नुकसान पहुंचता है। यही हाल राज्य के अन्य जिलों में भी है। इसको लेकर अब सरकार ने तैयारी भी तेज कर दी है, ताकि कम से कम जान माल का नुकसान हो। राज्य में वज्रपात के मामले में संवेदनशील जिलों की मैपिंग कराई जा रही है। इसका उद्देश्य है कि अति संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर वहां के लोगों को जागरूक किया जाए ताकि जान माल का नुकसान कम हो।संवेदनशील इलाकों की मैपिंग


भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधीन काम करने वाली संस्था वज्रपात सुरक्षित भारत अभियान के तहत संवेदनशील इलाकों की मैपिंग की जा रही है। इसमें संवेदनशील इलाकों की मैपिंग इसलिए कराई जा रही है ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। मैपिंग के माध्यम से यह भी पता किया जा रहा है कि बार-बार क्षेत्र विशेष में ही ठनका क्यों गिरता है। मैपिंग करने में यह मदद मिलेगी कि जिस जगह पर ठनका गिरता है। वहां गिरने का कारण क्या है, इससे उसका उपाय करने में मदद मिलेगी।तीन बिंदुओं पर कामझारखंड में वज्रपात से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एक कार्य योजना बनाकर राज्य सरकार को भारत सरकार ने दी है। इसमें कई सुझाव भी शामिल किए गए हैं। इसके तहत तीन तरह का काम किया जा रहा है। पहला ठनका गिरने के पहले सूचना मिले ताकि लोग पहले से ही अलर्ट हो जाएं और सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। दूसरा यह बताया जाए कि वज्रपात हो तो क्या करें या क्या ना करें और तीसरा सरकारी भवन, अस्पताल, स्कूलों में तडि़त चालक जरूर लगाया जाएं। अति संवेदनशील जिले साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, देवघर, जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, रामगढ़ और रांची के ग्रामीण इलाके शामिल हैं।संवेदनशील जिले खूंटी, पश्चिम सिंहभूम, गुमला, लोहरदगा, गढ़वा, रांची जिले के कुछ भाग शामिल हैं। केंद्र से मिला 836 करोड़

झारखंड में 2011 से 2013 तक स्कूल, अस्पताल और सरकारी भवनों में तडि़त चालक लगवाए गए, लेकिन रखरखाव के अभाव में सब खराब हो गए हैं। सभी जगह तडि़त चालक लगाने की जरूरत है। देवघर को लाइटनिंग सेफ सिटी का नाम दिया गया। इसी तरह रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा और झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन का मैदान आकाशीय बिजली के मामले में सबसे सुरक्षित जगह है। दामिनी ऐप करता है अलर्ट भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग में दामिनी ऐप तैयार किया है। यह अपने फोन में डाउनलोड कर पहले से ही यह सूचना प्राप्त की जा सकती है कि कहां कितने बजे ब्रजपात होगा। यह एप 40 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में 1 घंटा पूर्व सूचना देता है कि किस इलाके में ठनका गिरने की आशंका है।

Posted By: Inextlive