RANCHI:सिटी को स्मार्ट बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए ट्रैफिक को भी स्मार्ट करने को लेकर काम किए गए। लेकिन करोड़ों रुपए फूंकने के बाद भी आजतक ट्रैफिक सिग्नल दुरुस्त नहीं हो पाए। आज स्थिति यह है कि सिटी के आधे से अधिक ट्रैफिक सिग्नल काम ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जहां पब्लिक को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ट्रैफिक पुलिस के जवान भी इससे सफर कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इतना खर्च करने के बाद भी ट्रैफिक सिग्नल स्मूथ क्यों नहीं हो पा रहा है।

गाडि़यों की भीड़ से होना था कंट्रोल

चौक-चौराहों पर लगाई गई लाइट का कंट्रोल ऑटोमैटिक करने की बात कही गई थी। जहां गाडि़यों के लोड के हिसाब से सिग्नल काम करता। लेकिन जब लाइटें ही चालू नहीं हैं तो ऑटोमैटिक चेंज की कोई बात ही नहीं। उल्टे इस चक्कर में पब्लिक जाम में पीस रही है। चाहकर भी वे जल्दी नहीं निकल पाते। चूंकि जवान ही अपनी टाइम के अनुसार गाडि़यों को पास करा रहे हैं।

चौक पर खड़े कर रहे ड्यूटी

हर चौक चौराहे पर नई सिग्नल लाइट तो लगा दी है। इसका ट्रायल भी हो गया। इतना ही नहीं, सभी जगहों पर हाई डेफिनेशन वाले कैमरे भी इंस्टाल किए गए। जिससे कि नियम तोड़ने वालों की पहचान कर उनका चालान काटा जाएगा। लेकिन आजतक इन लाइटों को चालू ही नहीं किया गया। अब इसकी वजह से आए दिन जाम की समस्या हो रही है। वहीं ट्रैफिक के जवान मैनुअल काम कर रहे हैं। चौक पर खड़े होकर उन्हें गाडि़यों को पास कराना पड़ रहा है।

अल्बर्ट एक्का चौक

हार्ट आफ द सिटी अल्बर्ट एक्का चौक में नए ट्रैफिक सिग्नल इंस्टाल किए गए, ताकि वहां पर स्मूथली गाडि़यों का परिचालन होता रहे। लेकिन वहां तो जवानों को खुद खड़े होकर ट्रैफिक संभालना पड़ता है। अगर जवान थोड़ी देर के लिए किसी कारण से हट जाएं तो जाम वाली स्थिति हो जाती है। इसके बाद फिर से जवानों को आकर जाम हटाना पड़ता है।

करमटोली चौक

सिटी में सबसे ज्यादा गाडि़यां इसी चौक से गुजरती हैं। इस वजह से लोड भी काफी होता है। लेकिन यहां की लाइटें कभी-कभी ही ठीक चलती हैं। बाकी समय में इस लाइट के चक्कर में लोगों को काफी देर तक जाम झेलना पड़ता है। वहीं वीआईपी मूवमेंट हो जाए तो फिर लेट होने से कोई नहीं रोक सकता।

लालपुर

लाइट के काम नहीं करने की वजह से टाइमिंग का पता ही नहीं चलता। ट्रैफिक पुलिस वालों को भी यह समझ नहीं आता कि किस रोड में कितनी गाडि़यों की लंबी लाइन है। जब एक तरफ से गाडि़यों को निकालना शुरू करते हैं तो रुकती नहीं। इसका खामियाजा दूसरे लोगों को भुगतना पड़ता है। अगर लाइट टाइमर के साथ चालू हो जाए तो टेंशन नहीं होगी।

रातू रोड

ट्रैफिक लाइट काम नहीं कर रही है। लेकिन इसे चालू कराने की जिम्मेवारी विभाग की है। लेकिन उन्हें भी इससे कोई लेना-देना नहीं है। बस पब्लिक नियम तोड़े तो चालान काटने के लिए तैयार रहते हैं पर कोई विभाग को इन सिग्नल लाइट्स को चालू कराने को नहीं कहता। चूंकि इस चक्कर में परेशानी पब्लिक को होती है। और इसी का फायदा ट्रैफिक पुलिस वाले उठाते हैं। जबकि इस रूट में सबसे ज्यादा वीआईपी मूवमेंट होता है।

Posted By: Inextlive