रांची: राजभवन से लेकर विधानसभा तक का मार्ग राजपथ कहलाता है। यहां पूरे दिन वीआईपी मूवमेंट होता है। मंत्री, अफसर सभी का इसी सड़क से आना-जाना तय है। हालांकि, आम पब्लिक भी इस सड़क से गुजरती है। लेकिन किसी राजधानी का राजपथ जैसा होना चाहिए, यह राजपथ वैसा नहीं है। इस सड़क पर सिस्टम ध्वस्त नजर आता है। भीड़-भाड़, नो एंट्री में एंट्री, सड़क पर गाडि़यों की पार्किग इस राजपथ पर नजर आती है। यहां तक कि ट्रैफिक कंट्रोल करने वाला सिग्नल खुद कंट्रोल में नहीं रहता है। अमूमन इस सड़क के ट्रैफिक सिग्नल बंद ही रहते हैं। चाहे रातू रोड का सिग्नल हो, किशोर गंज का, हरमू चौक या अरगोड़ा चौक का। सभी जगह एक जैसी ही स्थिति है।

काम नहीं करते ट्रैफिक सिग्नल

राजभवन से लेकर विधानसभा और एयरपोर्ट की ओर लगभग दस से बारह चौक पड़ते है। हर दिन इन चौक-चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल खराब ही रहते हैं। अखबार में छपने के बाद एक-दो दिन जलता है फिर वही हाल हो जाता है। जबकि इन चौक-चौराहों पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल लगवाया गया है, जो भीड़ को देखते हुए खुद रेड और ग्रीन का सिग्नल देने में सक्षम है। लेकिन दुर्भाग्य खुद से तो दूर ऑपरेट करने पर भी ये ऑपरेट नहीं हो पा रहा है। जबकि इन लाइट्स को लगे हुए छह महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है। वहीं जिन स्थानों पर नए सिग्नल लगवाए गए हैं। वहां से पुराने सिग्नल को हटाया भी नहीं गया है। इस वजह से भी कभी-कभी राहगीरों की परेशानी बढ़ जाती है। दरअसल, इन चौक पर कभी नए तो कभी पुराने सिग्नल से ट्रैफिक कंट्रोल होता है। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी कहते हैं कि इन रास्तों से वीआईपी का आना-जाना होता है, इसलिए ट्रैफिक सिग्नल को रिमोर्ट से ही कंट्रोल करने में आसानी होती है। लेकिन रिमोर्ट भी खराब पड़ा है।

नहीं बन सका स्मार्ट रोड

राज भवन से लेकर एयरपोर्ट तक स्मार्ट रोड डेवलप करना था। लेकिन यह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में चला गया। न तो स्मार्ट रोड धरातल पर उतरा और न ही सामान्य सड़क को प्रशासन एन्क्रोचमेंट फ्री करा पाया। गाड़ी खाना और किशोर गंज चौक की हालत ज्यादा खराब रहती है। यहां पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण सड़क पर ही लोग अपनी गाडि़यां पार्क करते हैं। वहीं रोड पर ठेले-खोमचे और फुटपाथ की दुकानें लगने की वजह से भीड़-भाड़ का माहौल बना रहता है। इसी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए रघुवर सरकार के शासन काल में सभी गैरजरूरी डिवाइडर कटिंग को बंद कर दिया गया था, जिसे अब खोल दिया गया है।

इमरजेंसी कॉल बॉक्स

हरमू रोड में अलग-अलग स्थानों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स डिसप्ले लगवाया गया है। इसका उपयोग आम पब्लिक आपातकाल जैसी दुर्घटना आदि की जानकारी देने के संबंध में कर सकती है। लेकिन कमांड कंट्रोल सिस्टम शुरू नहीं होने की वजह से इसका भी उपयोग नहीं हो पा रहा है। हालांकि, इस बॉक्स का कई बार टेस्ट किया जा चुका है। टेस्ट में इस बॉक्स को ओके भी कर दिया गया है। फिर भी कुछ परेशानियों के कारण इन बॉक्स का इस्तेमाल आम पब्लिक नहीं कर पा रही है। इमरजेंसी के वक्त कोई भी नागरिक बॉक्स में लगा स्वीच दबाकर कंट्रोल ऑफिस में जानकारी दे सकता है, जिसके बाद जिस विभाग की समस्या बताई गई है कंट्रोल ऑफिस के पदाधिकारी उस विभाग से संपर्क कर मदद पहुंचाने की सूचना देंगे। लेकिन दुविधा यह है कि कंट्रोल ऑफिस में आम पब्लिक की परेशानी सुनने वाला फिलहाल कोई नहीं है।

Posted By: Inextlive