रांची: लॉकडाउन में लगातार लोगों को घर पर रहने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन लोग किसी न किसी बहाने रोड पर निकल ही रहे हैं। रोड पर निकलने से पहले उन्हें नियमों को मानने की सलाह भी दी जाती है। लोग नियमों को मानने में भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिसका खामियाजा उन्हें फाइन भरकर भुगतना पड़ रहा है। इसके बावजूद कुछ लोग सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। सिटी के सभी चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती है। हर जगह सुबह और शाम में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। एक-एक चौक से रोजाना पांच से सात लाख रुपए फाइन काटे जा रहे हैं। फिर भी लोगों में कोई सुधार नहीं आया। सिर्फ पिस्का मोड़ चौक से हर दिन चार से पांच लाख रुपए चालान काटा जा रहा है। जिस दिन चेकिंग अभियान दिन भर चलता है उस दिन यह आंकड़ा 12 से 15 लाख तक पहुंच जाता है। सिर्फ लॉकडाउन पीरियड में ही राजधानी वासियों से लगभग साढे़ चार करोड़ रुपए का चालान काटा जा चुका है।

हेलमेट, मास्क के साथ वाहन पास भी कम्पल्सरी

रोड पर निकलने के लिए सबसे पहले आपको हेलमेट तो अनिवार्य रूप से पहनना है। कोविड 19 के प्रकोप से बचने के लिए मास्क भी कम्पल्सरी किया गया है। लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो बगैर मास्क और बगैर हेलमेट के ही टू-व्हीलर्स में रोड पर निकल पड़ते है़। लॉकडाउन में हर व्यक्ति को रोड पर निकलना प्रतिबंधित है। ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की अनुमति है। इस पर भी पास अलाउड किया गया है। जिस व्यक्ति के पास पास होगा वही सड़क पर चलने का हकदार होगा। बगैर परमिशन व बगैर जरूरी सेवा के सड़क पर निकलने वालों को या तो लौटा दिया जाता है। या उनका चालान कट जाता है।

ट्रैफिक डिपार्टमेंट मालामाल

लॉकडाउन जहां एक ओर किसी की नुकसान का सबब बनता जा रहा हो दूसरी ओर ट्रैफिक डिपार्टमेंट के लिए यह लॉटरी जैसा अवसर हो गया है। सिर्फ लॉकडाउन में ही ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने साढे़ चार करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। लॉकडाउन पार्ट वन में ही डेढ़ करोड़ का चालान कटा था। इसके बाद भी लोगों में कोई सुधार नहीं आया। सेकेंड पार्ट में यह आकंड़ा डबल हो गया। लॉकडाउन के सेकेंड पार्ट में लगभग ढ़ाई करोड रुपए का चालान कटा। यह सिलसिला थर्ड पार्ट में भी जारी है। थर्ड पार्ट में अबतक अस्सी लाख रुपये का जुर्माना हो चुका है। विदाउट हेलमेट, विदाउट सीट बेल्ट, रांग ड्राइविंग, विदाउट पेपर, आदि पर लोगों को चालान किया गया है।

Posted By: Inextlive