रांची: रांची पुलिस को जिस माफिया की 16 साल से तलाश थी, वह आखिरकार पकड़ा ही गया। एक शहर से दूसरे शहर की खाक छानने के बावजूद जिस शख्स को पुलिस इतने साल तक नहीं पकड़ पाई, वह अपने घर पर ही छुपा हुआ था। नरेश सिंघानिया उर्फ नरेश सिंधिया उर्फ लाला वेश बदलकर नामकुम स्थित घर पर ही रह रहा था, जिसकी भनक लगते ही पुलिस ने जाल बिछाकर उसे पकड़ा। इंसानी जान की कीमत को कौडि़यों में तौलने वाले लाला का जुर्म बेहद संगीन है। उस पर 22 से भी ज्यादा लोगों के कत्ल का इल्जाम है। ये कत्ल उसने न तो खंजर भोंक कर किया और न ही किसी को गोली मारी। 2017 में करम पर्व से पहले वाली रात जहरीली शराब की बड़ी खेप रांची में उतार दी, जिसे पीने के बाद चंद घंटों में लगभग दो दर्जन लोग तड़प-तड़प कर मर गए।

2005 से था फरार

वर्ष 2005 से ही फरार होने के बावजूद 2017 के सितंबर माह में जहरीली शराब से हुई 22 से ज्यादा लोगों की मौत के मामले में मोस्टवांटेड था लाला। पुलिस ने जोरार स्थित उसके घर से बुधवार की रात गिरफ्तार किया। रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम ने बताया कि एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को नरेश के नामकुम में होने की सूचना मिली थी। नरेश अपना हुलिया बदलकर नामकुम के जोरार स्थित अपने मकान में ही छिप कर रह रहा था। वेश बदलने के कारण लाला को स्थानीय लोग नहीं पहचान पा रहे थे। हालांकि, एसएसपी को सूचना मिलते ही एक विशेष टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने बुधवार की रात उसके जोरार स्थित घर पर छापेमारी कर दबोच लिया। ग्रामीण एसपी ने बताया कि आरोपित से लगातार पूछताछ की जा रही है। उससे यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि इस धंधे में उसके और कौन-कौन साथी शामिल हैं।

जैप के जवानों की भी गई थी जान

नरेश और उसके भाई प्रह्लाद ¨सधिया ने करम पर्व के मौके पर 2 सितंबर 2017 की रात रांची के बाजार में नकली शराब की एक बड़ी खेप उतारी थी। जहरीली शराब का सेवन करने से जैप के चार जवानों सहित 22 से ज्यादा लोग की मौत हो गई थी। मामले में सुखदेवनगर, गोंदा, डोरंडा, नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। नरेश के खिलाफ नामकुम, डोरंडा में जहरीली शराब कांड में मामले दर्ज हैं। जबकि उत्पाद विभाग के दर्जनों कांडों में वह वांटेड था। जहरीली शराब कांड में नरेश के भाई प्रह्लाद सहित अन्य को कोर्ट उम्रकैद की सजा सुना चुकी है।

लाला के नाम से मशहूर था नरेश

नरेश ¨सघानिया का नामकुम के जोरार में अवैध शराब की फैक्ट्री थी। वह अपने बड़े भाई प्रह्लाद ¨सघानिया के साथ मिलकर शराब का कारोबार करता था। पूछताछ में नरेश ¨सघानिया ने पुलिस के समक्ष इस बात का खुलासा किया है। ग्रामीण एसपी ने बताया कि नरेश बड़े भाई प्रह्लाद के पकड़े जाने के बाद लाला के नाम से अवैध शराब का कारोबार कर रहा था। उसने यह कुबूल किया कि खरसीदाग के कुटियातू गांव में जो शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई थी, वह उसका भी संचालक था।

सीआईडी ने किया था टेकओवर

2017 में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी थी। इस मामले में दो थानेदार और एक उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर को सरकार ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद मामले ने खूब तूल पकड़ा था। हालांकि, पुलिस ने बाद में एक-एक कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था, सिर्फ नरेश फरार चल रहा था।

Posted By: Inextlive