कोरोना व लॉकडाउन में मजदूरों की कमी से काम पर पड़ा असर. जिले के सभी इलाको में नहीं बिछ सकी है नई पाइपलाइन.


रांची(ब्यूरो)।राजधानी रांची में पानी की सप्लाई के लिए नई पाइपलाइन बिछाई जा रही है। सिटी के अलग-अलग गली-मुहल्लों में काम पूरा हो चुका है। लेकिन अब भी कई इलाके हैं जहां यह काम अधूरा है। सभी इलाकों में पाइपलाइन का काम पूरा होने के बाद ही नई पाइपलाइन से वाटर सप्लाई शुरू हो सकेगी। इसमें अभी और दो साल का समय लगेगा। यानी की नई पाइपलाइन से आपके घरों तक पानी पहुंचने में दो साल का वक्त अभी और लगेगा। राजधानी रांची में अलग-अलग फेज में यह काम चल रहा है। फस्र्ट फेज में पाइपलाइन बिछाने और वाटर टॉवर बनाने का काम चल रहा है। पेयजल विभाग के इंजीनियर्स की मानें तो कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर मजदूर अपने घर चले गए। इस कारण काम समय पर पूरा नहीं हो सका। अब काम रफ्तार पकड़ ही रहा था कि एक बार फिर से कोरोना संक्रमण की वजह से काम में बाधा उत्पन्न हो गई है। हालांकि अब मजदूर धीरे-धीरे काम पर लौटने लगे हैं। लेकिन फिर भी पूरे शहर में पाइपलाइन का काम खत्म होने में दो साल का समय लग जाएगा। 563 किमी पाइपलाइन, 14 वाटर टॉवर


शहरी वाटर सप्लाई योजना के तहत रांची में 563 किमी पाइपलाइन बिछाई जा रही है। साथ ही 14 वाटर टॉवर पर काम चल रहा है। इसमें आठ जलमीनार का काम लगभग पूरा हो चुका है। जबकि तीन जलमीनारों का 60 फीसदी काम हुआ है। लेकिन कुछ जलमीनार जमीन विवाद के कारण पेंडिंग में चले गए हैं। 2050 को लक्ष्य मानकर पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है, ताकि आने वाले समय में शहरवासियों को पानी के लिए परेशान न होना पड़े। पाइपलाइन बिछाने के साथ ही लोगों को वाटर कनेक्शन देने का काम भी शुरू हो जाएगा। हालांकि वाटर कनेक्शन को लेकर सर्वे का काम जारी है, जिन घरों में सप्लाई कनेक्शन है और जिन घरों में कनेक्शन नहीं है, सभी के डिटेल लिये जा रहे हैं। जिन घरों में पहले से पानी का कनेक्शन है उनके कनेक्शन को नई पाइपलाइन में समायोजित कर दिया जाएगा। आने वाले दिनों में पुरानी पाइपलाइन से पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद करने की योजना है। नई पाइपलाइन से वाटर सप्लाई शुरू होते ही पुरानी पाइप लाइन से वाटर सप्लाई बंद कर दी जाएगी।कनेक्शन फ्री पर वाटर यूज चार्ज

नई पाइपलाइन से पानी की सप्लाई होने पर लोगों से इसका टैक्स भी वसूला जाएगा। यानी कि दो साल बाद फ्री में पानी का इस्तेमाल आप नहीं कर सकेंगे। हालांकि पानी का कनेक्शन लेने के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। इससे पानी की चोरी भी रुकेगी, साथ ही जितने भी अवैध वाटर कनेक्शन हैं वे भी वैध हो जाएंगे। वाटर सप्लाई जब सुचारू तरीके से शुरू हो जाएगी। इसके बाद कंज्यूमर को वाटर मीटर भी अनिवार्य रूप से लगाना होगा। पानी खपत के हिसाब से उन्हें उसका भुगतान करना होगा। वर्तमान में शहर में 80 फीसदी से अधिक वाटर कनेक्शन या तो अवैध हैं या फिर बिना मीटर के हैं। इसको लेकर कई बार नगर निगम ने अभियान चलाया, मगर सफल नहीं हुआ। जिसका नतीजा है कि हर दिन लाखों लीटर पानी की चोरी हो रही है। पानी चोरी पर लगाम लगते ही इससे होने वाले राजस्व में वृद्धि होगी, जिसका अधिकतर भाग पानी की उपलब्धता बरकरार रखने में खर्च किया जाएगा। क्या है योजना

नगर विकास विभाग तीन प्रोजेक्ट अमृत योजना, राज्य संपोषित योजना और एसियन डेवलपमेंट योजना के तहत सिटी में वाटर सप्लाई की दिशा में काम कर रहा है। यह पूरी योजना करीब 1200 करोड़ की है। अमृत योजना एवं राज्य संपोषित योजना के तहत रांची शहर में 260 करोड़ की लागत से 14 स्थानों पर जलमीनार का निर्माण कर रहा है। इसी योजना के तहत करीब शहर में 563 किमी डिस्ट्रब्यूशन पाइपलाइन बिछाई जा रही है। जलमीनार का काम करीब-करीब अंतिम चरण में है। बाकी फेज में रूक्का में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और बोड़ेया में बूटी पहाड़ जैसा नया जलागार बनाया जाएगा। यहां बन रहा वाटर टॉवरपटेल पार्क, अमरूद बगान, बकरी बाजार, पहाड़ी मंदिर, खादगढ़ा, महुआ टोली, बनहौरा वन एवं टू, पंडरा और हिंदपीढ़ी। अन्य स्थानों में जमीन अधिग्रहण नहीं होने की वजह से काम रुका हुआ है।

Posted By: Inextlive