सिटी में धड़ल्ले से हो रही बिक्री


रांची (ब्यूरो) । सिटी में सीट बेल्ट लगाने से बचने की डिवाइस धड़ल्ले से बिक रही है। सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर के नाम से बिक रही यह डिवाइस सीट बेल्ट ना लगाने पर बजने वाले अलार्म को बंद कर देती है। इससे लोग बिना सीट बेल्ट लगाए ही आसानी से ड्राइविंग करने लगते हैं, जो बेहद खतरनाक है। झारखंड परिवहन विभाग ने एक आदेश जारी किया है और इस डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले गाड़ी ओनर समेत डिवाइस बेचने वाले लोगों पर भी कार्रवाई करने को कहा है।सुरक्षा के लिए खतरा


सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर्स गाड़ी चलाने वालों की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है। परिवहन विभाग, झारखंड ने इसे नाजायज बताया है। इस पर एक्शन लेने की बात कही है। सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप की बिक्री या इसके निर्माण को प्रतिबंधित बताया है। ऐसा करनेवाले उत्पादक या विक्रेता पर प्रशासनिक, कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी जारी की है। संयुक्त परिवहन आयुक्त (सडक़ सुरक्षा), लीड एजेंसी, परिवहन विभाग की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194बी के अनुसार चारपहिया वाहन चलाने एवं सहयात्री के साथ सफर करने के दौरान सीट बेल्ट पहनना जरूरी है। सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर्स क्लिप सीट बेल्ट नहीं पहनने पर बजने वाले बीप संकेतक आवाज को बंद कर देता है जो सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है। ऐसे में इस क्लिप के प्रयोग से बचें।सीट बेल्ट अलार्म जरूरी और सेफपरिवहन विभाग के मुताबिक, सीट बेल्ट अलार्म ड्राइवर और यात्रियों को सीट बेल्ट पहनने के लिए लगातार रिमाइंडर के रूप में काम करता है। जबकि सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप सीट बेल्ट लॉकिंग सिस्टम को धोखे में रखता है। उसे विश्वास दिलाता है कि यात्री ने सीट बेल्ट लगा लिया है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 124, 125 के मुताबिक सीट बेल्ट जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण का मानक अनिवार्य है। सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर की बिक्री वर्जित है। यह सीट बेल्ट नहीं पहनने पर अलार्म बीप को बंद कर देता है। इस तरह के उपकरण वाहन चालक और यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर जोखिम में डालते हैं। सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आनलाइन प्लेटफार्म से ऐसे उत्पादों को लिस्टिंग से हटाया या चुका है। इनके विक्रेताओं के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जानी है।फ्रंट सीट वाले दोनों को बेल्ट जरूरी

झारखंड में कार में फ्रंट सीट पर बैठे दोनों लोगों को बेल्ट लगाना अनिवार्य है। सरकार ने पिछले साल फरवरी में थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट मुहैया कराना कार कंपनियों के लिए अनिवार्य किया था, ताकि सभी पैसेंजर आसानी से सीट बेल्ट का इस्तेमाल कर सकें, लेकिन इस दौरान सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर की बिक्री बढ़ गई। सरकार ने यह डिवाइस बनाने और बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों समेत सभी को अल्टीमेटम भी दिया है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।अलार्म स्टॉपर बनाना व बेचना गैरकानूनीअलार्म स्टॉपर बेचना और बनाना दोनों ही गैरकानूनी है। यह स्टॉपर महज बेल्ट ना लगाने पर बीप की आवाज को नहीं रोकता, बल्कि सडक़ सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के लिए लोगों को बढ़ावा भी देता है। सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर इसी बीप को रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाली एक डिवाइस (क्लिप) हैं। यह बीप ड्राइवर और यात्रियों को सीट बेल्ट पहनने की याद दिलाने के लिए सभी गाडिय़ों में अनिवार्य तौर पर इंस्टॉल की जाती है।क्या कहते हैं ट्रैफिक नियम

ट्रैफिक नियमों के मुताबिक बिना सीट बेल्ट ड्राइविंग करना दंडनीय अपराध है। मोटर वाहन अनिधिनियम की धारा 138(3) सीएमवीआर 177 में सीट बेल्ट ना लगाने पर खासतौर पर जुर्माना निर्धारित किया गया है। एक्सपट्र्स की मानें तो देश में ज्यादातर लोग अपनी जान की हिफाजत के लिए नहीं, बल्कि पुलिस चालान के डर से बचने के लिए सीट बेल्ट लगाते हैं। जबकि कई कार में सीट बेल्ट नहीं लगे होने की स्थिति में एक्सीडेंट के दौरान एयरबैग भी नहीं खुलता है, क्योंकि सेंसर सिस्टम एक दूसरे से कनेक्टेड होते हैं।

Posted By: Inextlive