हाईजेनिक मटन की चाहत रह गई अधूरी
रांची(ब्यूरो)। चार साल पहले रांची के लोगों को एक सपना दिखाया गया कि उन्हें हाइजिन मीट खिलाया जाएगा। लेकिन यह सपना सपना ही रह गया। जबकि आधुनिक स्लॉटर हाउस के निर्माण पर नगर विकास विभाग ने 18 करोड़ रूपए खर्च कर दिए। इसके बाद भी शहर के लोगों को खुले में बिकने वाला मीट-मांस ही खरीदना पड़ रहा है। 2018 में बनकर तैयार कांके का यह आधुनिक स्लॉटर हाउस आज भी शुरू होने का इंतजार कर रहा है। स्लॉटर हाउस के चालू नहीं होने से रांची के लोगों को हाइजेनिक मीट नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में रांची के लोग असुरक्षित मीट खरीद रहे हैं। इससे लोगों में कई तरह के संक्रमण और बीमारियों का खतरा बना रहता है।5 मॉडल शॉप भी खोले
स्लॉटर हाउस से निकले मीट की बिक्री के लिए रांची में चार मॉडल शॉप खोले गए थे। ये मॉडल शॉप रांची के मधुकम, कांटाटोली, मोरहाबादी, बरियातू और बूटी मोड़ में खोले गए थे। इन दुकानों से कुछ दिनों तक लोगों को हाइजेनिक मीट मिला, लेकिन फि र इन शॉप्स को बंद कर दिया गया। स्लॉटर हाउस में मीट प्रॉसेसिंग की व्यवस्था है। स्लॉटर हाउस से मीट एसी वैन के जरिए शॉप तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। यहां जानवरों के वध के पूर्व बकायदा डॉक्टरों द्वारा उनके हेल्थ की जांच की व्यवस्था की गई है। इसके बाद बकरे को काटने का प्रावधान है। यहां रोज एक हजार बकरे और भेड़ को काटने की व्यवस्था है। साथ ही स्लॉटर हाउस में बकरे को हलाल करने की भी सुविधा है। 5 एकड़ में बना है स्लॉटर हाउसकांके में रांची नगर निगम द्वारा 5 एकड़ जमीन पर लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक स्लॉटर हाउस बनाया गया है, जो शुरू होने से पहले ही बेकार होता जा रहा है। यहां ताला लटका हुआ है, जबकि इसे 2018 में ही चालू किया जाना था। इसका निर्माण कार्य 2012-13 में ही शुरू हुआ था। इसके चालू होने से शहर में अवैध तरीके से चल रहे बूचडख़ानों पर रोक लगाई जानी थी, ताकि लोगों को हाइजेनिक तरीके से मीट उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि शहरवासियों को इस व्यवस्था का लाभ आज तक नहीं मिल पाया है। यहां लगी आधुनिक मशीन भी लंबे समय से उपयोग में नहीं आने के कारण बर्बाद हो रही है। नगर निगम को भी इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। खुद भी खस्सी लेकर आएं
आधुनिक स्लॉटर हाउस में जो इक्विपमेंट्स लगाए गए हैं, उसकी 1080 खस्सी काटने की क्षमता हर दिन है। इसके शुरू होने से शहर के लोगों को साफ -सुथरा और हाइजीनिक मीट मिलता। यह राजधानी के लोगों के लिए पहला और अनोखा अनुभव था। यहां खुद से भी खस्सी लाकर कटवा सकते हैं। रांची नगर निगम के इस आधुनिक स्लॉटर हाउस में आम लोग अपने पशु को लाकर कटवा सकते हैं। यहां लोगों के आग्रह पर पशु को हलाल और झटका दोनों विधि से काटने की सुविधा उपलब्ध है। एक बार खस्सी के पहुंचने पर उसमें मोहर लगाया जाएगा। फि र उसे काट कर उसके मीट की पैकेजिंग कर लेने वाले को दे दी जाएगी। इसके एवज में प्रति पशु लोगों से 120 रुपए लेने का प्लान बनाया गया था। रांची में 600 से अधिक मटन शॉप राजधानी में 600 से अधिक मटन शॉप हैं, जो अपनी दुकान में बकरा काट कर बेचते हैं। वर्तमान में शहर में जो मीट शॉप हैं वहां बेहतर और हाइजीन व्यवस्था नहीं है। नगर निगम का कहना है कि दुकान में बिकने वाला मांस शुद्ध नहीं है, जबकि स्लॉटर हाउस में जानवरों के वध से पहले पशु डॉक्टर उसकी जांच करेंगे, इसके बाद वैज्ञानिक तरीके से जानवर को काटा जाएगा। क्यों बनाया स्लॉटर हाउस
रांचीवासियों को हाइजेनिक मीट आसानी से और वाजिब रेट पर मिल सके, इसलिए स्लॉटर हाउस बनाया गया था। इसे वर्ष 2018 में बनाया गया था और इसका उद्घाटन भी किया गया था। लेकिन कुछ ही दिनों में यह बंद हो गया। कई टेंडर पर नहीं हुई शुरुआतशहर के लोगों को हाइजेनिक मीट खिलाने के लिए रांची नगर निगम ने 18 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक स्लॉटर हाउस बनाया है। लंबे इतंजार के बाद स्लॉटर हाउस का उद्घाटन मई 2018 को किया गया। इसे चलाने के लिए निगम ने कई बार टेंडर निकाला, लेकिन यहां काम पूरा नहीं हो सका। बाद में नगर निगम इसे फ्री में भी देने को तैयार हो गया। इसके लिए निगम ने दिल्ली की एक कंपनी एमटीएस से एकरारनामा किया। इसके बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है।