रांची: दो महीने बाद राजधानी में शराब की दुकानें बुधवार को खुली तो उम्मीद थी कि शराब के शौेकीनों की भीड़ लग जाएगी। इसी संभावना को देखते हुए सभी शराब कीदुकानों के बाहर जिला प्रशासन ने पुलिस की भी तैनाती की थी। लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उल्टा। शराब की दुकान पर दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते रह गए। दुकान पर अपेक्षा से भी कम ग्राहक पहुंचे। दुकानदारों ने बताया कि इससे ज्यादा भीड़ तो लॉकडाउन से पहले रहती थी। लेकिन दो महीने दुकान बंद रहने के बाद भी उम्मीद से काफी कम ग्राहक शराब लेने पहुंचे। पिस्का मोड़ के विक्रेता ने बताया कि 60 दिनों के लॉकडाउन के बाद दुकान खुलने पर दस हजार रुपए की भी दारू नहीं बिकी। यह आश्चर्य की बात है।

दो माह में खत्म हो गए पैसे

दारू लेने पहुंचे लोगों ने बताया कि दो महीने से घर पर बैठे हैं। कोई काम-धंधा नहीं हो रहा है। जो पैसे थे वो दो महीने की बंदी के कारण खर्च हो गए। अब दारू कहां से पीएं। ग्राहकों ने बताया कि लीकर की पूरी बोतल लेनी थी। लेकिन पैसे नहीं रहने के कारण सिर्फ एक क्वार्टर ही लेकर जा रहे हैं। वहीं कई ऐसे भी ग्राहक मिले जिन्होंने बताया कि दो महीने में शराब की लत ही छूट गई। अब तो सिर्फ शौक के लिए एक ले रहे हैं यह भी कई दिनों तक चलेगा।

दुकानदारों की धरी रह गई तैयारी

शराब की दुकान खुलने से पहले ही दुकानदारों ने कई तैयारियां कर रखी थी। शराब का पूरा स्टॉक अरेंज कर लिया गया था। ऐसा लगा कि डिमांड काफी आएगी। वहीं दुकान के बाहर सुरक्षा घेरा भी बनाया गया था। दुकान के बाहर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी। दुकान खुलते ही पुलिस वाले अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गए थे। हालांकि, ऐसी कोई नौबत नहीं आई जहां पुलिस को बल प्रयोग करना पडे़। एसडीओ लोकेश मिश्रा ने बताया कि पूरे दिन शराब दुकानों के बाहर किसी भी तरह की अफरातफरी या अव्यवस्था जैसी खबरें नहीं आईं। लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करते हुए शराब की खरीदारी की।

Posted By: Inextlive