- पुलिस ने नक्सली बुद्धेश्वर उरांव पर घोषित कर रखा था 15 लाख का इनाम

- गुमला जिले के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र के केरागनी जंगल में गुरुवार सुबह हुई मुठभेड़, मौके से कई नक्सली भागे

- मौके से एके-47 रायफल, मैगजीन, कारतूस, दवाइयां व दैनिक उपभोग की वस्तुएं बरामद

--109 मामले दर्ज थे हिंसा के बुद्धेश्वर पर

गुमला : पिछले दो दिनों से गुमला के जंगल में विस्फोट कर एक ग्रामीण व श्वान दस्ते के श्वान की जान लेने वाले नक्सली बुद्धेश्वर उरांव को पुलिस और सुरक्षा बलों ने गुरुवार को मार गिराया। गुमला जिले के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र स्थित केरागनी जंगल में गुरुवार सुबह पुलिस ने नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान पुलिस को यह सफलता मिली। बुद्धेश्वर उरांव नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का रिजनल कमेटी सदस्य था। वह माओवादियों के कोयल शंख जोन का सचिव भी था। बुद्धेश्वर पर हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, रंगदारी, आगजनी, पुलिस पार्टी पर हमला व अन्य नक्सली घटनाओं से संबंधित कुल 109 मामले विभिन्न जिलों में दर्ज हैं। इनमें गुमला में 81, सिमडेगा में 16, लोहरदगा में चार, लातेहार में छह व गढ़वा में दो कांड दर्ज हैं।

पाकरटोली का रहने वाला

बुद्धेश्वर उरांव मूल रूप से गुमला जिले के गुमला थाना क्षेत्र के ही खटंगा पाकरटोली का रहने वाला था। पुलिस ने घटनास्थल से एक एके-47 रायफल, एके-47 रायफल के दो मैगजीन, बड़ी संख्या में कारतूस, आइईडी डेटोनेटर, मोबाइल फोन, नक्सली साहित्य, पिट्ठू, दवाई, कैंची, छाता व वर्दी के अलावा दैनिक उपभोग की अन्य वस्तुएं बरामद की हैं। घने जंगल का फायदा उठाकर बुद्धेश्वर के दस्ते के अन्य नक्सली भाग निकले। पुलिस को आशंका है कि इस मुठभेड़ में अन्य नक्सलियों को भी गोलियां लगी हैं। पुलिस का सर्च अभियान जारी है।

दस्ते का साथ जमा था

पुलिस को सूचना मिली थी कि गुमला जिले के घोर नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र में भाकपा माओवादियों का रिजनल कमेटी सदस्य बुद्धेश्वर उरांव दस्ते के साथ जमा है। इस सूचना के बाद कोबरा बटालियन के जवान, झारखंड जगुआर व गुमला पुलिस ने संयुक्त रूप से उक्त क्षेत्र में अभियान चलाना शुरू किया था। पुलिस के अनुसार गुरुवार सुबह सुरक्षा बल के जवान जैसे ही जंगल में घुसे, नक्सलियों ने फाय¨रग शुरू कर दी। सुरक्षा बल पहले से ही अलर्ट मोड में थे और फाय¨रग शुरू होते ही जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। दोनों तरफ से सैकड़ों राउंड गोलियां चलीं, जिसमें बुद्धेश्वर मारा गया। गोलीबारी थमते ही पुलिस ने जंगल में सर्च अभियान चलाया, जिसमें बुद्धेश्वर का शव मिला। साथ ही और मौके से भारी मात्रा में नक्सलियों के उपयोग के सामान भी मिले.बुद्धेश्वर के साथ नक्सली कमांडर रंथू उरांव के भी होने की आशंका जताई जा रही है, जो कई साथियों समेत मौके से फरार हो गया। इस घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देश के तहत आगे की कार्रवाई की गई है। पूरे घटनास्थल की वीडियोग्राफी कराई गई है। दंडाधिकारी की मौजूदगी में नक्सली के शव का पंचनामा से लेकर पोस्टमार्टम तक की कार्रवाई की गई है।

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श्वान दस्ते का डॉग ड्रोन हुआ था शहीद

नक्सलियों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा बलों का अभियान चल रहा है। दो दिन पहले अभियान के दौरान ही प्रेशर आइईडी ब्लास्ट में कोबरा का विस्फोटक प्रशिक्षित डॉग ड्रोन शहीद हो गया था, जबकि उसका हैंडलर विश्वजीत कुंभकार जख्मी हो गया था। विश्वजीत कुंभकार का रांची में इलाज चल रहा है। इसके बाद बुधवार को आइईडी ब्लास्ट में एक ग्रामीण रामदेव मुंडा की मृत्यु हो गई थी।

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प्रेशर आइईडी ब्लास्ट में अब तक पांच ग्रामीण की मौत, 14 हो चुके हैं जख्मी

गुमला के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र के घनघोर जंगल में नक्सलियों ने भारी मात्रा में प्रेशर आइईडी का जाल बिछा रखा है, जिससे न सिर्फ सुरक्षा बलों, बल्कि ग्रामीणों को भी नुकसान पहुंच रहा है। पूर्व में प्रेशर आइईडी ब्लास्ट में पांच ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 ग्रामीण गंभीर रूप से जख्मी हो चुके हैं। नक्सलियों ने ग्रामीणों को जंगल में जाने से मना भी किया है। --------

डीजीपी ने थपथपाई जवानों की पीठ

डीजीपी नीरज सिन्हा ने कुख्यात बुद्धेश्वर को मुठभेड़ में मार गिराने वाले जवानों का हौसला बढ़ाते हुए उनकी पीठ थपथपाई है। झारखंड पुलिस की कमान मिलने के बाद डीजीपी नीरज सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस की यह बड़ी उपलब्धि है। उनके निर्देश पर ही नक्सलियों के दहशत को खत्म करने के लिए जंगलों में लगाए गए आइईडी को लगातार निष्क्रिय किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण भयमुक्त होकर अपने दैनिक कार्य निपटा सकें।

Posted By: Inextlive