रांची: सदर हॉस्पिटल में इस्तेमाल हो चुके पानी को फिर से इस्तेमाल लायक बनाने की कवायद चल रही है। काम लगभग अंतिम चरण में है। इसी महीने प्लांट का काम पूरा कर हॉस्पिटल मैनेजमेंट को सौंपना है। दिल्ली की कंपनी प्रेमिडिक बिरसाहजिया यह काम कर रही है। दरअसल पानी की लगातार हो रही समस्या को देखते हुए सदर हॉस्पिटल की ओर से यह कदम उठाया गया है, ताकि पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सके। राजधानी रांची में दिनोंदिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। गर्मी शुरू होते ही लोग इस समस्या से जूझने लगे हैं। सदर हॉस्पिटल में हर दिन 200 लोग इलाज कराने आते हैं, जिनमें महिला और बच्चों की संख्या ज्यादा होती है। हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट के लिए पानी बेहद जरूरी है। इसके अलावा और भी कई काम हैं जो पानी के बिना संभव नहीं हैं। ऐसे में सदर हॉस्पिटल प्रबंधन ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए एक बेहतर कदम उठाया है।

डेली दो लाख लीटर पानी का ट्रीटमेंट

ट्रीटमेंट प्लांट से हर दिन दो लाख लीटर पानी का ट्रीटमेंट कर उसे उपयोग लायक बनाया जाएगा। हॉस्पिटल कैंपस में ही रिचार्ज पिट बनाया गया है। यूज किया गया वेस्ट वाटर एवं बारिश का पानी सीधे पिट में चला जाएगा, जिसके बाद यह पानी प्लांट में लगे इक्विपमेंट सिला ज्वाल्डिंग में चला जाएगा, वहां से इसे फिल्टर पंप में भेजा जाएगा। इसके बाद एसीएफ टैंक और फिर एमजीएफ टैंक में पानी जाएगा। इन टैंक में पत्थर, गिट्टी डाले जाएंगे जो पानी फिल्टर करने में मदद करेगा। टैंक इस पानी को यूवी में भेज देगा जहां पानी में मौजूद सभी वायरस नष्ट हो जाएंगे। यहां से टैंक और फिर सोपनर टैंक में पानी जाएगा जहां से एजेंसी के माध्यम से इसे हॉस्पिटल में सप्लाई कर दिया जाएगा। इस फैसिलिटी से हॉस्पिटल एरिया में पानी का लेवल मेंटेन रहेगा और पानी की दिक्कत नहीं होगी।

एक करोड़ का होगा प्लांट

हॉस्पिटल कैंपस में ही डॉक्टर्स हॉस्टल के सामने इस प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। इस ट्रीटमेंट प्लांट में पूरे हॉस्पिटल के सीवरेज-ड्रेनेज का पानी एक चैंबर में जमा होगा। उसके बाद पानी की प्रॉसेसिंग करने के बाद उसे सिंटेक्स टैंक में स्टोर किया जाएगा। जहां से हॉस्पिटल में मोटर से पानी की सप्लाई कर दी जाएगी। गौरतलब हो कि 500 बेड वाले सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल भी लगभग तैयार हो चुका है। इसमें 300 बेड का हॉस्पिटल शुरू भी हो चुका है। ऐसे में हॉस्पिटल को हर दिन काफी पानी की जरूरत पडे़गी। उस परिस्थिति में यह प्लांट कारगर सिद्ध होगा। राजधानी में रांची रेल डिवीजन के पास केवल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जहां पानी को रीसाइकिल कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाता है। सदर हॉस्पिटल में यह व्यवस्था शुरू होने से यह शहर का दूसरा संस्थान होगा जहां पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकेगा। रिम्स जैसे बडे़ हॉस्पिटल में भी रिसाइक्लिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।

सिटी में पानी की क्राइसिस होने लगी है। हॉस्पिटल में पानी की काफी जरूरत होती है। सीवरेज प्लांट बनने के बाद हॉस्पिटल से निकलने वाला एक भी बूंद पानी बर्बाद नहीं होगा। हॉस्पिटल से निकलने वाले सीवरेज के पानी को ट्रीटमेंट कर उसे दोबारा यूज के लायक बना लिया जाएगा। इससे ग्राउंड वाटर लेवल भी नीचे नहीं जाएगा। जल्द से जल्द इस ट्रीटमेंट प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा।

-वीबी प्रसाद, सिविल सर्जन

Posted By: Inextlive