रांची: एक ओर जहां कोरोना ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है, वहीं दूसरी और पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे टेंप्रेचर बढ़ रहा है। पानी की परेशानी बढ़ती जा रही है। वैसे तो सिटी के हर इलाके में ग्राउंड वाटर लेवल नीचे चला गया है। लेकिन वार्ड संख्या 26, 27 और 28 की हालत काफी ज्यादा खराब है। ये इलाके पहले से ड्राई जोन घोषित हैं। गर्मी के मौसम में यहां ग्राउंड वाटर लेवल पाताल में चला जाता है। लोगों के घरों की बोरिंग सूखने लगती है। कुछ ऐसी ही परिस्थिति से इलाके के लोगों को गुजरना पड़ रहा है। कोविड की वजह से जहां एक ओर बेवजह घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं वही पानी के इंतजाम के लिए लोगों को घरों से निकलना पड रहा है। हरमू विद्यानगर, इरगू टोली, स्वर्ण जयंती नगर समेत वार्ड के अन्य इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।

टैंकर का है सहारा

वार्ड संख्या 26, 27 और 28 के इलाकों में सप्लाई के लिए पाइपलाइन कनेक्शन तो है, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं होती है। लोगों को एकमात्र सहारा नगर निगम द्वारा भेजा जाने वाला वाटर टैंकर ही है। टैंकर आते ही लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। वार्ड 28 की पार्षद रश्मि चौधरी ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही उनके इलाके में पानी की समस्या शुरू हो जाती है। समस्या सालों से बनी हुई है लेकिन इसके समाधान के लिए कभी विचार नहीं हुआ। नगर निगम बोर्ड बैठक में कई बार इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकला। पानी की समस्या से निबटने के लिए मुहल्ले में कई स्थानों पर डीप बोरिंग करा कर टंकी लगाई गई थी। लेकिन वह भी कुछ स्थानों पर सक्सेस हुआ है बाकी अधिकतर डीप बोरिंग फेल हो चुकी है। मामूली सी रिपेयरिंग की वजह से कई डीप बोरिंग पड़ी हुई है। यदि उन्हें ठीक करा दिया जाए तो काफी राहत मिल सकती है।

पानी के लिए मारामारी

सिस्टम से नाराज मुहल्ले के सभी लोग आक्रोशित है। हर दिन पानी के लिए झगड़ा और मारामारी होती है। वार्ड के पार्षद खुद खडे़ होकर पानी वितरण कराते हैं। पार्षद अरुण झा हों, या ओम प्रकाश या रश्मि चौधरी सभी खुद से खडे़ होकर पानी वितरण कराते हैं ताकि मारामारी से बचा जा सके। पार्षद ओम प्रकाश बताते हैं कि पानी के टैंकर आने से दो घंटे पहले ही लाइन लगनी शुरू हो जाती है। रात में लोग इधर-उधर से पानी जुगाड़ करते है। कई लोग खरीद कर पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन जो सक्षम नहीं है वे सिर्फ और सिर्फ नगर निगम के टैंकर पर ही आश्रित हैं। बीते दस सालो से रांची में पानी की समस्या बढ़ी है। इस समस्या का समाधान अब तक नहीं निकला। ऐसा ही हाल रहा तो भविष्य और ज्यादा खराब हो सकता है। रांची के कई तालाब और डैम सूखने लगे हैं। जंगलों की कटाई, भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन और तकनीक के अत्यधिक इस्तेमाल से सिटी में भारी जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बडे़-बुजुर्ग बताते हैं के 20-30 साल पहले सिर्फ 50 से 60 फीट की गहराई में पानी मिल जाता था, जो अब 500 फीट में भी नसीब नहीं हो रहा है।

वार्ड 26 का स्वर्ण जयंती नगर पूर्ण रूप से ड्राई जोन है। लोग सिर्फ निगम के टैंकर पर ही निर्भर हैं। पार्षद प्रतिनिधि राहुल चौधरी खुद अपनी देखरेख में पानी वितरण करवाते हैं। वार्ड के हर लोग को पानी मिल जाए, यही उद्देश्य रहता है।

- रश्मि चौधरी, वार्ड पार्षद-26

वाटर लेवल रसातल में चला गया है। मुहल्ले की बोरिंग सूखने लगी है। हर दिन लोग शिकायत लेकर आते हैं। निगम को भी अवगत कराया गया है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। टैंकर से ही पानी मिल रहा है। सप्लाई वाटर पूरी तरह से फेल है।

- ओम प्रकाश, वार्ड पार्षद - 27

हमलोगों को बहुत परेशानी होती है। पानी से ही सारा काम होता है। टैंकर के इंतजार में बैठे रहते है। सरकार को पानी की समस्या दूर करने पर भी विचार करना चाहिए।

- संतोष, स्थानीय

हर दिन चार से पांच घंटा सिर्फ पानी लेने में बर्बाद हो जाता है। सिर्फ एक या दो डब्बा पानी से कुछ नहीं होता। नहाने से लेकर खाने तक सभी में पानी की जरुरत है।

- प्रकाश, स्थानीय

पानी की बहुत दिक्कत हो रही है। बोरिंग सूख चुका है। सिर्फ टैंकर पर ही निर्भर है। टैंकर नहीं आया तो हर काम पर ब्रेक लग जाता है। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक सिर्फ पानी के इंतजाम करने में चला जाता है।

- रानी देवी, स्थानीय

वार्ड में डीप बोरिंग है लेकिन मोटर खराब है, उसे बना दिया जाए जो समस्या से थोडी निजात जरुर मिलेगी। सप्लाई कनेक्शन भी है, लेकिन पानी नहीं आता है। नगर निगम को ध्यान देना चाहिए।

- आशिष, स्थानीय

Posted By: Inextlive