रांची: रांची नगर निगम ने मानसून की दस्तक के साथ ही आने वाली समस्याओं को लेकर भी योजना बनाई थी। साथ ही इसके लिए कई टीम बनाकर तैयारी भी की गई थी। लेकिन नगर निगम की तैयारी धरी रह गई। आज सिटी के कई इलाके वाटरलॉगिंग की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं मुख्य सड़क से दूर कई अपार्टमेंट्स और घरों में भी पानी भरा हुआ है, जिससे कि लोगों का अपने घरों में रहना ही मुश्किल हो गया है। वहीं बूढ़े-बुजुर्ग किसी तरह घर के अंदर समय गुजार रहे हैं। चूंकि कोरोना की वजह से लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं जा सकते। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सिटी के लोगों को वाटरलॉगिंग की इस समस्या से निजात कब मिलेगी?

मेयर ने की थी बैठक

पिछले महीने मेयर ने सिटी में वाटरलॉगिंग की समस्या को लेकर बैठक बुलाई थी। इसमें कहा गया था कि अब सिटी के कई इलाके ज्यादा देर तक पानी में डूबे नहीं रहेंगे। वहीं इलाकों में ज्यादा देर तक पानी जमे रहने की शिकायत मिली तो ड्यूटी में तैनात सुपरवाइजर भी नपेंगे। साथ ही उनपर एक्शन भी लिया जाएगा। लेकिन ये सभी आदेश ठंडे बस्ते में चले गए। आज हल्की बारिश के बाद भी इलाके डूबे हुए हैं पर नगर निगम की टीम झांकने तक नहीं गई।

12 गाडि़यां थीं रिजर्व में

पूरी राजधानी को निगम ने चार जोन में बांटने के बाद हर जोन के लिए तीन-तीन गाडि़यां उपलब्ध कराई थी, जिन्हें मानसून के दौरान 24 घंटे तैनात रखने को कहा गया था। सूचना मिलते ही संबंधित एरिया में मूव करने की भी बात कही गई थी। लेकिन सूचना दिए जाने के बाद भी लोग पानी के बीच रहने को मजबूर हैं। वहीं पानी निकासी को लेकर नाली नहीं होने से परेशानी और बढ़ गई है। बताते चलें कि रांची राजधानी के साथ अब स्मार्ट सिटी में भी शामिल है पर शहर की ऐसी व्यवस्था स्मार्टनेस को मुंह चिढ़ा रही है।

गाडि़यां डूब गईं, बाउंड्री गिरी

चेशायर होम रोड में आलू गोदाम के पास वाटरलॉगिंग की वजह से बाउंड्री गिर गई। वहीं रानी बागान इलाके में दूसरी बाउंड्री भी एक कार पर गिर गई। इसके अलावा लालपुर के काली टावर के सामने गली में भी लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया। कई गाडि़यां भी पानी के अंदर चली गई थीं।

इन इलाकों में ज्यादा परेशानी

-विद्यानगर

-चेशायर होम रोड

-स्टेशन रोड

-कटहल मोड़

-काली टावर

Posted By: Inextlive