RANCHI: रांची के बड़े स्कूलों में शुमार जेवीएम श्यामली की बस हादसे का शिकार होते-होते बच गई। ड्राइवर शराब के नशे में था और ओवरब्रिज के पास स्कूल बस को डिवाइडर पर चढ़ा दिया। बस में भ्0 से अधिक बच्चे सवार थे, जिन्हें आनन फानन में बस से उतारा गया। ट्रैफिक पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बच्चों को बस से उतारने में मदद की। इसके बाद चुटिया थाना में पदस्थापित एएसआई बीके गिरि पहुंचे और दूसरी बस उपलब्ध करवा कर बच्चों को घर भिजवाया गया। वहीं, पुलिस बस ड्राइवर को पकड़ कर थाने ले आई। जहां ड्राइवर का मेडिकल टेस्ट किया गया। इसके बाद उसे अरगोड़ा थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। घटना अरगोड़ा थाना क्षेत्र के कडरू ओवरब्रिज के समीप घटी।

क्या कहती है पब्लिक

स्कूल प्रशासन लापरवाह, मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं

बसों में जाने वाले नौनिहाल कितने सुरक्षित हैं, इसकी मॉनीटरिंग कोई नहीं कर रहा। स्कूल बस स्टाफ में कौन लोग हैं। वे नशा आदि करते हैं या नहीं, इस संबंध में कोई भी जानकारी जिला परिवहन विभाग के पास भी नहीं है। इन सबके बीच हर सुबह स्कूल बस में जाने वाले नौनिहाल कितने सुरक्षित हैं, इसकी चिंता उन जिम्मेदारों को नहीं है। क्योंकि बस में सवार बच्चों की जिम्मेदारी ड्राइवर सहित अन्य स्टाफ की ही रहती है।

-आशा सिन्हा, अध्यक्ष, झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस

अक्सर स्कूल प्रबंधन पैसे बचाने के लिए ऐसे ड्राइवरों की भर्ती कर लेते हैं, जो सही ढंग से काम नहीं करते। लापरवाह ड्राइवरों के कारण बच्चों का जीवन खतरे में रहता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इन ड्राइवरों की नियमित रूप से ड्रग टेस्ट करवाए। नशे के आदी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

-अजय कुमार, युवा नेता सह अभिभावक मंच

गार्जियन को भी सचेत रहना होगा

इस मामले में सावधानी गार्जियन को भी बरतनी होगी। क्योंकि, उनके बच्चे ही बसों में सफर करते हैं। ऐसे में उन्हें कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेदारी लेने से स्कूल प्रबंधन घबराएगा। ऐसे में गार्जियन को चाहिए कि वे स्कूल बस के ड्राइवर के बारे में अच्छी तरह से मालूम कर लें।

अमित साहू, व्यवसायी

Posted By: Inextlive