रांची: रोजी रोटी के लिए लोग अपना घर-बार बेच दे रहे, जमीन बेच दे रहे, गहने गिरवी रख दे रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए नौकरी मिलने के बजाय मिल रहा सिर्फ धोखा। उन्हें कंगाल बना दिया जा रहा और सबकुछ लूट जाने के बाद ऐसे लोग थानों के चक्कर काट काट कर अपना बचा-खुचा रुपया और हिम्मत सब गंवा रहे हैं। लॉकडाउन में हजारों लोगों की नौकरी चली गई तो सैकड़ों लोगों का व्यापार ठप हो गया। राजधानी में बेरोजगारी काफी अधिक बढ़ गई है। नौकरी पाने के लिए बेरोजगार लोग आसानी से किसी पर भरोसा कर ले रहे हैं और वे ठगी के शिकार हो जा रहे हैं। रांची पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ठग बन गए हैं। नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठग आए दिन बेरोजगार युवक और युवतियों को अपना निशाना बना रहे हैं।

6 माह में करोड़ों की ठगी

पिछले 6 माह में राजधानी के बेरोजगारों से करोड़ों रुपए की ठगी हो चुकी है। हालांकि पीडि़त को जब तक समझ में आता है कि वह ठगी का शिकार हो चुका है तब तक ठग उनकी और पुलिस की पकड़ से काफी दूर निकल जाते हैं। बेरोजगार नौकरी पाने के लिए अनजान लोगों से मिल रहे हैं और आसानी से किसी पर भी भरोसा कर ले रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर साइबर अपराधी भी बेरोजगारों को झांसे में लेकर अपना शिकार बना रहे हैं। फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर साइबर अपराधी खाते में पैसा डलवा रहे हैं। ज्यादातर ठग पुलिस की पकड़ से दूर हैं। लोकल थाना की पुलिस और साइबर थाना की पुलिस प्राथमिकी तो दर्ज कर ले रही है, लेकिन पीडि़तों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बेरोजगारी में अपना रहे क्राइम का रास्ता

हाल के दिनों में पुलिस के सामने ऐसे भी मामले आ रहे हैं, जिनमें बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिलने पर वे अपराध की दुनिया में जा रहे हैं। पुलिस ने 25 से अधिक ऐसे युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि ये युवक पढ़े-लिखे और डिग्रीधारी भी हैं, लेकिन ढंग का काम नहीं मिलने के कारण अपराध के रास्ते पर चल पड़े हैं।

जॉब दिलाने के नाम पर ठगी

राजधानी में सरकारी और प्राइवेट नौकरी दिलाने के नाम पर ठग बेरोजगारों को अपना निशाना बना रहे हैं। रांची में रहने वाले बेरोजगार युवक और युवतियों को अपना निशाना बनाने वाले फिरोज और गुरुदेव गिरोह के सदस्य सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। दोनों सरगना को पुलिस ने जेल तो भेज दिया था, लेकिन ठगी के शिकार हुए लोगों का पैसा नहीं मिल पाया। ठगी के शिकार लोग आए दिन थानों का चक्कर काटते हैं और पुलिस से पैसा वापस कराने की गुहार लगाते हैं।

सेना के नाम पर भी ठगी

चुटिया इलाके में रहकर बिहार के दो ठग दीपक कुमार और दिलीप कुमार ने रांची में रहने वाले दर्जनों बेरोजगारों को अपना निशाना बनाया। सेना में बहाली कराने के नाम पर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये वसूले। दोनों ठगों के खिलाफ राजस्थान में रहने वाले श्रवण कुमार ने चुटिया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। श्रवण ने बताया कि एक बेरोजगार से दोनों आरोपी तीन से चार लाख रुपये लेते थे।

आर्मी इंटेलिजेंस ने दबोचा

बिहार के पंकज सिंह ने रांची में रहकर आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर दर्जनों लोगों के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया। पंकज सिंह बेरोजगारों को झांसा में लेने के लिए आर्मी के दफ्तरों के पास ही उनसे मिलता था और उनसे वहीं पर पैसा लेता था। पंकज के बारे में आर्मी इंटेलिजेंस को सूचना मिली थी। जगन्नाथपुर पुलिस की मदद से ठग तो पकड़ा गया, लेकिन एक भी पीडि़त का पैसा वापस नहीं मिल पाया।

महिलाओं व युवतियों से करोड़ों की ठगी

डोरंडा इलाके में रहने वाले निजामुद्दीन कोहिनूर फाउंडेशन नाम की संस्था खोलकर फिरोज खान और गुरुदेव सिंह ने सैकड़ों महिलाओं से रोजगार दिलाने के नाम पर ठगी की। प्रत्येक महिला से ठगों ने तीस से चालीस हजार रुपये लिये थे। ठगों ने करोड़ों रुपये की उगाही की थी।

आईबी में नौकरी का झांसा

आईबी का अधिकारी बनकर शेखर कुमार ने रांची समेत झारखंड के कई जिलों में रहने वाले बेरोजगारों को अपना निशाना बनाया। शेखर ने 50 से अधिक युवाओं से करोड़ों रुपये लिये। शेखर ने झारखंड के दूसरे जिलों में भी जाकर बेरोजगारों को झांसे में लिया था। पुलिस ने शेखर के पास से आईबी का फर्जी आईकार्ड, लग्जरी गाडि़यां बरामद की थीं। आरोपी बेरोजगारों को फर्जी नियुक्ति पत्र देता था।

लोग रहें जागरूक व अलर्ट

रांची के एसएसपी सुरेंद्र झा का कहना है कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। नौकरी के लिए विज्ञापन निकाला जाता है कोई भी व्यक्ति नौकरी लगाने की बात कहे तो लोगों को तुरंत समझना होगा कि वह ठगी के शिकार हो सकते हैं। ठगों को पकड़ने और उन्हें सजा दिलाने के लिए एक डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive