जेएनयू की आंतरिक कमेटी ने कन्हैया और उमर सहित पांच छात्रों के विश्वविद्यालय से निष्कासन की सिफारिश की
कमेटी ने कुछ छात्रों को पाया दोषी जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी की घटना की जांच के लिए बनाई गई आंतरिक समिति ने जेएनयू कुलपति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जांच समिति ने कुछ छात्रों को दोषी पाया है जिनमें छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य शामिल हैं। आंतरिंक जांच कमेटी ने इन तीनों को दोषी पाते हुए जेएनयू से निष्कासित करने की सिफारिश की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 21 छात्रो को आरोपी बनाया गया है, जिसमें से कुछ को ही प्राक्टर द्वारा नोटिस दिया जाएगा। इसमें आरोपी छात्रो को अपना पक्ष रखने के लिए कहा जाएगा। सूत्रों के अनुसार आरोपी छात्रो को इसके लिए तीन दिन का समय दिया जा सकता है। जिन 21 छात्रों को कमेटी ने दोषी माना है उनमें छात्रसघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य भी शामिल हैं।
इसी समिति की रिर्पोट पर पहले भी हुआ निलंबन
समिति की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय के नियम-कानून का उल्लंघन किया है। पांच सदस्यीय कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौपी थी। जिसके बाद इस समिति की अनुशंसा को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं थी। इसी समिति की प्रारभिक रिपोर्ट के आधार पर 12 फरवरी को कन्हैया कुमार सहित आठ विद्यार्थियो को शैक्षणिक गतिविधियो से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद उनका निलंबन वापस हो गया।एबीपी के सौरभ शर्मा ने की दोषी छात्रो पर कार्यवाही की मांग एबीवीपी के सदस्य और छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा ने कहा, मैं समिति के निर्णय का स्वागत करता हूं। मैं जेएनयू प्रशासन से मांग करता हूं कि समिति के सभी निर्णय और जांच रिपोर्ट को लोगों के सामने रखा जाए। समिति की अनुशंसा के मुताबिक तुरत कार्रवाई होनी चाहिए। जांच समिति में प्रो. राकेश भटनागर- अध्यक्ष, प्रो. हिमाद्री बोहिदार, प्रो. सुमन के.धर, प्रो. जीजेवी प्रसाद और प्रो. उम्मू सलमा बावा शामिल थे।
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