छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: साहित्य अकादमी नई दिल्ली ने गुरुवार को बाल साहित्य पुरस्कार-2017 के विजेताओं की सूची जारी की। इसमें जमशेदपुर स्थित करनडीह (दुखु टोला) में रहने वाली जोबा मुर्मू को संताली भाषा की श्रेणी में बाल साहित्य पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। जोबा मुर्मू संताली साहित्यकार हैं और पेशे से शिक्षिका हैं। उन्हें यह पुरस्कार उनके संताली लघु कहानी संग्रह ओलोन बाहा (अलंकार पुष्प) के लिए दिया गया। जोबा मुर्मू बाल विकास प्राइमरी विद्यालय की शिक्षिका हैं।

गुरुवार को पुरस्कार की घोषणा किए जाने के बाद मुर्मू परिवार में तो खुशी की लहर है ही, ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन के सदस्यों में भी खुशी है। जोबा के पति पीतांबर हांसदा भी साहित्यकार हैं और वे भी 2012 में बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। साहित्य अकादमी नई दिल्ली की ओर से 24 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में दिए जाने वाले साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार प्राप्त करने वाली जोबा मुर्मू शिक्षिका होने के साथ साथ कानून में स्नातक हैं। यही नहीं, संताली और ¨हदी भाषा साहित्य में स्नातकोत्तर हैं। वह ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन की सदस्य भी हैं तो जाहेरथान कमेटी की कार्यकारी सदस्य भी हैं।

लिखी है कई किताबें

जोबा मुर्मू ने ओलोन बाहा के अलावा कई संताली किताबें लिख चुकी हैं। इनमें बहा उमुल (2009), बेवरा (2010), ओलोन बहा (2014), प्रेमचन्द की सरस कहानियों का संताली अनुवाद-(2014), रवींद्रनाथ टैगोर रचित 'गीतांजलि' कासंताली अनुवाद (2015) आदि शामिल हैं।

पिता से मिली प्रेरणा, पति ने दिखाई राह : जोबा

जोबा मुर्मू समाजसेवी सीआर माझी की पुत्री हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर खासी खुश हैं। कहती हैं-'संताली साहित्य से जुड़ाव की प्रेरणा पिता से मिली। वे लगातार संताली साहित्य को सशक्त करने के लिए प्रयासरत रहे। उन्हीं से मुझे प्रेरणा मिली.' जोबा के पति पीतांबर हांसदा भी बाल साहित्य पुरस्कार विजेता हैं। जोबा कहती हैं कि पिता से प्रेरणा मिली तो पति ने राह दिखाई।

Posted By: Inextlive