दवा कंपनी को भरना होगा 123 अरब रुपये का ज़ुर्माना
कंपनी पर आरोप है कि उसने इन तीन दवाओं के प्रचार के लिए डॉक्टरों और दवा बेचने वाली दुकानों को इंसेटिव दिए.ये दवाएं मानसिक बीमारियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली रिसपर्डल और इन्वेगा और दिल की बीमारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली नाट्रेकोर हैं.कंपनी पर बिना आधिकारिक मंज़ूरी के बच्चों, बुज़ुर्गों और विकलांगों द्वारा बिना आधिकारिक अनुमति के इन दवाइयों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का भी आरोप है."जॉनसन एंड जॉनसन ने अमरीकी करदाताओं, मरीज़ों और निजी बीमा कंपनियों के पैसे से अपनी जेब भरी."-एरिक होल्डर, अमरीका के अटॉर्नी जनरलअमरीकी समाचार चैनल सीबीएस न्यूज़ के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन पर डॉक्टरों और दवा बेचने वाली दुकानों को इन दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देने और नुस्खा लिखने के लिए किकबैक देने का आरोप है.
अमरीका के अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने सोमवार को बताया, "जॉनसन एंड जॉनसन ने अमरीकी करदाताओं, मरीज़ों और निजी बीमा कंपनियों के पैसे से अपनी जेब भरी."हालांकि अमरीका में डॉक्टर अपने हिसाब से दवाई दे सकते हैं लेकिन दवा बनाने वाली कंपनियां नियामन संस्था, फू़ड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, की मंज़ूरी के बिना अपनी दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं दे सकतीं.
अमरीका के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब किसी दवा कंपनी ने क़ानूनी कार्रवाई से बचने के लिए बड़ा ज़ुर्माना भरने का फ़ैसला लिया है. वैसे ग्लैक्सो स्मिथलाइन के नाम 3 अरब डॉलर यानि करीब 180 अरब रुपये का सबसे बड़ा ज़ुर्माना भर चुकी है.