-पटना के गंगा घाटों से नाव पर नदी पार करने वाले दियारा क्षेत्र के लोगों की जिंदगी न जाने कब पानी में डूब जाएं?

-मानसूम में पीपा पुल खोला, गांधी सेतु की नई लेन अधूरी

PATNA: पटना में करीब पांच किमी चौड़ी गंगा नदी के दो पाटों के बीच हर दिन हजारों लोग खतरे का सफर कर रहे हैं। लकड़ी की नाव पर जिंदगी खतरे में है। क्षमता से अधिक लोड़ लेकर चल रही ये अवैध नाव कभी भी पलट जाती है। इन नावों में लोगों के साथ जानवर गाडि़यां और सामान भी ढोया जाता है। ऐसा नहीं है कि गंगा पार करने के लिए पटना में दो पुल गांधी सेतु और दीघा पुल भी बना है, लेकिन वाहन वालों को यहां से घूमकर आने में फ्यूल का खर्च अधिक आता है। ऐसे में टू-व्हीलर, कार, ट्रैक्टर -ट्रॉली और कई बार तो बालू से भरे ट्रक भी इन्हीं नावों में यात्रियों के साथ गंगा पार कराए जाते हैं।

पीपापुल खोलने से बढ़ा खतरा

पटना में गंगा पर करीब 10 घाटों से इन अवैध नावों में हर दिन खतरे

का सफर होता है। सबसे अधिक अवैध नाव का सफर बंका घाट के पास कच्ची दरगाह से चलता है। नदी किनारे दूसरी तरफ के गांवों में बसे लोग इन्हीं नावों से पटना आते-जाते हैं। एक नाव की क्षमता 25 से 50 व्यक्ति की होती है, जबकि इनमें सफर करते हैं, 100 से लेकर 200 तक। यात्रियों के अलावा इन नावों में गाडियां भी ढोई जा रही हैं। हर वर्ष हादसे फिर भी सबक नहीं।

Posted By: Inextlive