झारखंड के साथ ही रांची में खेलों की बदहाली को लेकर आई नेक्स्ट में एक से लेकर 10 जून 2014 तक खस्ताहाल खेल की 10 रिपोर्ट आपने पढ़ी। आज की 11वीं रिपोर्ट के साथ हम फिर हाजिर हैं खस्ताहाल खेल की अगली सिरीज लेकर

-नेशनल गेम्स के बाद नहीं हुआ है कोई इवेंट

-प्रैक्टिस भी हो चुकी है बंद

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RANCHI (19 June) : जूडो मार्शल आर्ट की तरह एक गेम है, जिसे ओलंपिक में भी मान्यता मिली हुई है। लेकिन, झारखंड में इसका अस्तित्व गुम होता जा रहा है। फ्ब्वें नेशनल गेम्स में भी झारखंड की टीम को केवल चार मेडल ही आए थे, जिनमें केवल सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल ही थे। उसके बाद झारखंड में जूडो का कोई इवेंट नहीं हुआ और अब तो इसकी प्रैक्टिस भी बंद हो चुकी है।

ताला लगा है प्रैक्टिस हॉल में

रांची के बिरसा मुंडा स्टेडियम के एक हॉल में जूडो के प्लेयर्स कभी प्रैक्टिस किया करते थे, लेकिन अब इस हॉल में ताला लगा हुआ है। कोई प्लेयर भी अब यहां प्रैक्टिस करने नहीं आता है। झारखंड जूडो एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मंत्री केएन त्रिपाठी हैं। लेकिन, इनको इस गेम के प्लेयर्स से कोई लेना-देना नहीं है। इस एसोसिएशन के सेक्रेटरी हैं अनिल जायसवाल। इन्होंने एक साल पहले जूडो को आसमान की बुलंदी पर पहुंचाने की बात कही थी, लेकिन सब हवाहवाई हो गई।

और कैंसिल हो गए इवेंट्स

झारखंड में हुए फ्ब्वें नेशनल गेम्स के बाद जूडो का अब तक कोई बड़ा इवेंट नहीं हुआ है। हालांकि, अप्रैल में इसके नेशनल इवेंट्स होने की तैयारी थी, लेकिन फंड नहीं होने के कारण इसे कैंसिल कर दिया गया। नेशनल गेम्स में झारखंड टीम के प्लेयर्स ने टोटल चार मेडल्स जीते थे, जिनमें दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल्स शामिल थे। बाद में यह बात भी सामने आई थी कि झारखंड जूडो की टीम में अधिकतर प्लेयर्स बाहर से लाए गए थे और इसी कारण झारखंड को चार मेडल्स मिल पाए थे।

Posted By: Inextlive