ओपीडी बंद कराकर एसआरएन हॉस्पिटल कैंपस में की नारेबाजी

यूपीपीजीएम में दाखिले में तीस प्रतिशत एक्स्ट्रा मॉ‌र्क्स का कर रहे विरोध

ALLAHABAD: हथियार नहीं उठाया है लेकिन स्थितियां ऐसी बना दी है मरीज त्राहिमाम कर उठें। यह कारनामा है धरती के भगवान है। मांग है यूपीपीजीएम में दाखिले में पीएमएस डाक्टर्स को वेटेज न दिया जाए। इसके लिए उन्होंने प्रेशर गेम का दांव खेला है और स्ट्राइक शुरू कर दी है। सोमवार को उन्होंने एसआरएन की ओपीडी बंद कराने के साथ आसपास स्थिति दुकानों को बंद करा दिया और हॉस्पिटल के मेन गेट पर धरने पर बैठ गए।

पर्चा काउंटर भी करा दिया बंद

एसआरएन को मंडलीय हॉस्पिटल का दर्जा है और यहां प्रतिदिन ओपीडी में हजारों की संख्या में पेशेंट ट्रीटमेंट कराने के लिए आते हैं। स्ट्राइक करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स ने अस्पताल का पर्चा काउंटर भी बंद करा दिया। इसके चलते दूर दराज से आए मरीजों व तीमारदारों को बैरंग लौटना पड़ गया। हॉस्पिटल के आसपास की दवा की दुकानों के बंद होने से दवा के लिए भर्ती मरीजों के तीमारदारों को भटकने पर मजबूर कर दिया।

पीएमएस को ही वेटेज क्यों?

विरोध प्रदर्शन कर रहे मेडिकल स्टूडेंट ने कहा कि पीजी में प्रवेश के नाम पर पीएमएस संवर्ग को दिए जाने वाले तीस फीसदी अतिरिक्त नंबर को खत्म किया जाए। इस नियम से सारी सीटें पीएमएस के खाते में चली जाएंगी। छात्रों के अनुसार पीएमएस संवर्ग के छात्रों को तीस फीसदी अतिरिक्त मॉ‌र्क्स देने से 13 छात्र 200 के पूर्णाक को पार कर गए। कालेज की छात्रा नित्या पाण्डेय की रैंक पहले तीसरी थी और उसे रेडियोलॉजी एलॉट होना था। नई पॉलिसी की मेरिट जारी होने पर उसकी रैंक 80 के पार चली गई और वह एडमिशन की दौड़ से बाहर हो गई। मेहनत के बाद भी उसे मनचाहे कोर्स में दाखिला मिलने की उम्मीद खत्म हो गई है।

मेडिकल स्टूडेंट्स की मांगें

पीएमएस संवर्ग के स्टूडेंट्स को तीस प्रतिशत मॉ‌र्क्स का वेटेज खत्म हो

जो स्टूडेंट्स यूपीपीजीएम में एमडी, एमएस में सलेक्शन पा चुके हैं, उनका सेलेक्शन कैंसिल न किया जाए

नई व्यवस्था से उनका कीमती एक साल बर्बाद हो जाएगा

आंदोलन की जानकारी मिलती ही मैने खुद मौके पर पहुंचकर इमरजेंसी सुविधा बहाल कराने के साथ पर्ची काउंटर खुलवाया।

डॉ। संतोष सिंह

सीनियर रेजीडेंट, एसआरएन हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive