RANCHI : राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में आने वाले दिनों में लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त हो सकता है, क्योंकि जिनके ऊपर कानून व्यवस्था को बनाए रखने का जिम्मा है, वे अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंकने की तैयारी कर रहे हैं। अगर इंस्पेक्टर स्तर तक के ये 70 हजार अफसर व जवान स्ट्राइक पर चले जाते हैं तो चंद आईपीएस व डीएसपी स्तर के अधिकारियों के भरोसे रह जाएगा।

एसोसिएशन में सहमति

झारखंड पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से झारखंड सरकार के खिलाफ अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन में जाने का निर्णय ले लिया है। आंदोलन की रणनीति दोनों एसोसिएशन की बैठक में तैयार कर ली गई है।

30-31 जुलाई को लगाएंगे काला बिल्ला

30, 31 जुलाई और एक अगस्त को राज्य के 70 हजार पुलिसकर्मी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। वहीं 17 अगस्त को सभी जिलों के पुलिसकर्मी अपने-अपने एसपी कार्यालय के समक्ष उपवास पर बैठेंगे। उपवास आंदोलन काला बिल्ला लगाकर और उपवास आंदोलन के बाद भी अगर सरकार पुलिस कर्मियों की मांगों को नहीं मानती है तब 17 अगस्त के बाद दोनों एसोसिएशन मिलकर एक राज्य स्तरीय बैठक करेगी और पांच दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लेगी।

क्या हैं पांच सूत्री मांगें

1- सिपाही से सीधे एसआई की भर्ती को रद्द किया जाए। एसोसिएशन के अनुसार अगर सिपाही को सीधे दारोगा बना दिया जाएगा तो कई लोगों का प्रमोशन बाधित हो जाएगा।

2- राज्य के पुलिसकर्मियों को 13 माह का वेतन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह व्यवस्था सरकार की तरफ से लागू नहीं की गई।

3-पुलिस महकमे मे अनुकंपा पर होने वाली नौकरी में उम्र की सीमा खत्म की जाए।

4- एसीबी में कार्यरत पुलिसकर्मियों को 25 परसेंट अधिक भत्ता देने का निर्णय लागू हो।

5-शहीद हुए पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी मिलने वाली राशि में से 25 प्रतिशत दिया जाए।

Posted By: Inextlive