-एक मीटर पानी और बढ़ा तो हो जाएगी दिक्कत

-स्लूज गेट बंद करने की नौबत करीब, 24 घंटे में 34 सेमी बढ़ी गंगा

-कानपुर और हरिद्वार से पानी छोड़े जाने के बाद लोकल बारिश पर टिकी नजरें

ALLAHABAD: गंगा का पानी खतरे के निशान से भले ही दूर हो, लेकिन खतरा फिर भी कछारी इलाकों के सिर पर मंडरा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, अगर पानी का लेवल एक मीटर और बढ़ा तो स्लूज गेट बंद करने की नौबत आ जाएगी, जिससे तटीय इलाकों में पानी घुसने लगेगा। हालांकि, पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के चलते लगातार हरिद्वार और कानपुर से पानी छोड़े जाने का क्रम जारी है, जो इलाहाबाद पहुंचकर प्रशासन के रोंगटे खड़े कर रहा है।

पांच दिन में बढ़ा सवा दो मीटर

आंकड़ों पर जाएं तो पिछले पांच दिनों में गंगा के पानी का लेवल सवा दो मीटर तक बढ़ गया है। अब अगर एक मीटर पानी और बढ़ा तो सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड को स्लूज गेट बंद करके पंप चालू करने पड़ेंगे। यह वह स्थिति होगी जब पानी गंगा के तटीय इलाकों सलोरी, बघाड़ा, ओम गायत्री नगर, दारागंज आदि इलाकों में पानी दस्तक देने लगेगा। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इससे निपटने के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं।

यमुना में भी उफान जारी

केवल गंगा नहीं बल्कि यमुना नदी में भी उफान जोरों पर है। पिछले ख्ब् घंटों में छतनाग में सर्वाधिक म्9 सेमी पानी बढ़ा का लेवल बढ़ा है। जिससे जलस्तर 7फ्.7भ्0 मीटर हो गया है। वहीं, फाफामऊ में पिछले चौबीस घंटों में कुल फ्8 सेमी जलस्तर बढ़कर 78.फ्ब्0 मीटर हो गया है। इसी तरह नैनी में भी म्9सेमी जलस्तर बढ़ा है, जिससे नदियों का पैमाना 7ब्.ख्90 पहुंच चुका है।

लगातार छोड़ा जा रहा है पानी

सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही जबरदस्त बारिश के चलते हरिद्वार से गुरुवार को ब्0ब्भ्ख् हजार क्यूसेक और कानपुर से म्9क्89 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो अगले कुछ घंटों में इलाहाबाद पहुंच जाएगा। उधर, बुधवार को कानपुर से छोड़े गए 7ख् हजार क्यूसेक पानी की वजह से गंगा का जलस्तर फ्8 सेमी बढ़ गया है।

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लोकल बारिश बिगाड़ सकती है खेल

अधिकारियों का कहना है कि पीछे से आ रहे पानी से उतना खतरा नहीं है, जितना लोकल बारिश है। पिछले कुछ दिनों से इलाहाबाद के आसमान पर काले बादल छा रहे हैं, लेकिन बरसात नहीं हो रही है, जिससे प्रशासन राहत सांसें ले रहा है। अगर लोकल बारिश जोरदार हुई तो दिक्कत बढ़ने के पूरे आसार होंगे। उधर, गंगा के पानी में उफान को देखते हुए तटीय इलाके के लोग सतर्क हो गए हैं। उन्होंने अपना ठिकाना ढूंढना शुारू कर दिया है। उन्हें ख्0क्फ् का मंजर अच्छी तरह याद है जब कछारी इलाकों के घरों में घुसकर पानी ने जमकर परेशान किया था।

क्या हैं हालात

छतनाग- 7फ्.7भ्0 मीटर

नैनी- 7ब्.ख्90 मीटर

फाफामऊ- 78.फ्ब्0 मीटर

वर्जन

कानपुर से लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से गंगा के जलस्तर में उफान बना हुआ है। हालांकि, खतरे के निशान से जलस्तर काफी कम है। एक मीटर पानी और बढ़ा तो स्लूज गेट बंद करने की नौबत आ जाएगी।

-मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, बाढ़ प्रखंड

Posted By: Inextlive